संसद का शीतकालीन सत्र एक दिन पहले सम्पन्न हो गया। यह सत्र वर्तमान सरकार का आखिरी पूर्ण सत्र था। यह सत्र अनेक मायनों में ऐतिहासिक रहा।

इस सत्र में 146 सांसदों को निलंबित किया गया और दो युवकों ने लोकसभा में कूद कर रंगीन धुंआ उड़़ाकर संसद की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठा दिए। लोकसभा में 74 और राज्यसभा में 79 प्रतिशत काम हुआ।

चार दिसम्बर से शुरू हुए शीतकालीन सत्र को 22 दिसम्बर को सम्पन्न होना था‚ लेकिन सरकारी कामकाज पूरा होने के कारण सत्र को दिन पहले सम्पन्न कर दिया गया। लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

लोकसभा अध्यक्ष ने सत्र का विवरण देते हुए कहा कि इस सत्र में कार्य उत्पादकता करीब ७४ प्रतिशत रही। उन्होंने कहा‚ इस सत्र में 14 बैठकें हुईं जो 61 घंटे 50 मिनट तक चलीं। लोकसभा में करीब 24 घंटे हंगामे की भेंट चढे। इस दौरान 12 सरकारी विधेयक पेश किए गए। कुल 18 सरकारी विधेयक चर्चा के बाद पारित किए गए। तीन अपराधिक विधेयकों को पारित करने के बाद राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

धनखड़़ ने कहा शीतकालीन सत्र में 79 प्रतिशत काम हुआ जबकि 22 घंटे हंगामा के कारण बेकार हुए। कुल 656 घंटे कामकाज हुआ।

ऐतिहासिक रहा सत्रः अंग्रेजों के समय से अपराधिक कानूनों की जगह नए विधेयक पारितः इस सत्र में दोनों सदनों ने ऐतिहासिक अंग्रेजों के समय के अपराधिक कानूनों –भारतीय दंड़ संहिता (IPC)‚ 1860‚ दंड़ प्रक्रिया संहिता (CRPC)‚ 1898 और भारतीय साIय अधिनियम‚ 1872 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) विधेयक‚ 2023‚ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) विधेयक‚ २०२३ और भारतीय साIय (BS) विधेयक‚ 2023 को भी मंजूरी दी।

इसके अलावा केंद्रीय माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक‚ 2023‚ दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विधि (विशेष उपबंध) दूसरा (संशोधन) विधेयक‚ २2023‚ दूरसंचार विधेयक‚ 2023‚ प्रेस पंजीकरण विधेयक‚ मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति‚ सेवा शर्तें और पदावधि) विधेयक‚ 2023 पारित हुए।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights