समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आज संविधान दिवस पर कहा कि संविधान को मानना और उसके दिखाए रास्ते पर चलना ही सबसे बड़ा उत्सव है। ये हर दिन सच्चे मन से निभाने वाला फ़र्ज़ है, कोई दिखावटी सालाना जलसा नहीं। उन्होंने कहा कि संविधान ही संजीवनी है।
अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि ”एक तरफ़ भाजपा संविधान को ताक पर रखकर मनमानी करना चाहती है, तो दूसरी तरफ़ दिखावा करना चाहती है। भाजपा का ये राजनीतिक दोहरापन देश और देशवासियों के लिए घातक है। जब संविधान के मान-सम्मान और उसे व्यवहार में लाने के संबंध में हालात बद से बदतर हो रहे हैं, संविधान का हर दिन तिरस्कार-अपमान हो रहा है, ऐसे में उत्सव मनाना हमारे सिद्धांतों के ख़िलाफ़ है। उत्सव ढोंग नहीं होना चाहिए!”
संविधान को मानना और उसके दिखाए रास्ते पर चलना ही सबसे बड़ा उत्सव है।
ये हर दिन सच्चे मन से निभाने वाला फ़र्ज़ है, कोई दिखावटी सालाना जलसा नहीं।
एक तरफ़ भाजपा संविधान को ताक पर रखकर मनमानी करना चाहती है, तो दूसरी तरफ़ दिखावा करना चाहती है। भाजपा का ये राजनीतिक दोहरापन देश और… pic.twitter.com/sVm4Vw49Xa — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 26, 2024
भारत में संविधान दिवस (Constitution Day) हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय संविधान को अंगीकार (adopt) करने की याद में मनाया जाता है। 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था, और यह 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ। इसी दिन को ध्यान में रखते हुए, 2015 में भारतीय सरकार ने संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की थी।
भारतीय संविधान देश के सभी नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। यह एक लिखित दस्तावेज है, जिसमें 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां शामिल हैं। इसमें सभी नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता, और न्याय का अधिकार दिया गया है। संविधान ने भारत को एक लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह हर व्यक्ति को अपने धर्म, जाति, लिंग या भाषा के आधार पर भेदभाव से मुक्त जीवन जीने का अधिकार देता है।