संभल की शाही जामा मस्जिद की रंगाई पुताई की इजाजत की मांग से जुड़े मामले पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान हाईकोर्ट ने इस बात को स्वीकार किया कि मस्जिद की रंगाई पुताई जरूरी है. कोर्ट ने इस बात पर सहमति जताई कि रमजान का महीना शुरू होने से पहले ही इसका काम शुरू किया जाना चाहिए, हालांकि कोर्ट ने विवादित इस मामले पर एएसआई से रिपोर्ट मांगी है. 

हाईकोर्ट ने विवादित ढांचे को नुकसान पहुंचाए बिना रंगाई पुताई के काम को कैसे कराया जा सकता है, इसे लेकर हाईकोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया यानी एएसआई से रिपोर्ट मांगी है. इस सिलसिले में एएसआई को तीन सदस्य एक कमेटी गठित कर आज ही रिपोर्ट तैयार करने को कहा है और पूछा है कि वो बताए कि रंगाई पुताई का काम कैसे कराया जा सकता है जिससे विवादित जगह को भी नुक़सान न हो. 

हाईकोर्ट ने रंगाई-पुताई को माना जरूरी
इस कमेटी में ASI का कोई अधिकारी, एक विशेषज्ञ और एक प्रशासनिक अधिकारी शामिल रहेगा. कमेटी जरूरत पड़ने पर आज ही विवादित मस्जिद परिसर का निरीक्षण करेगी. इसके बाद अपनी रिपोर्ट तैयार कर यह बताएगी कि विवादित परिसर को कोई नुकसान पहुंचाए बिना किस तरह से रंगाई पुताई कराई जा सकती है या नहीं.  इस मामले पर हाईकोर्ट में कल सुबह 10:00 बजे फिर से सुनवाई होगी. हाईकोर्ट कल की सुनवाई में ही अपना फैसला सुना देगा. 

इस मामले पर आज जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में सुनवाई की गई. इस दौरान कोर्ट ने यह मान लिया है कि रमजान से पहले मस्जिद की रंगाई पुताई जरूरी है. लेकिन, उसका स्वरूप क्या होगा यह कोर्ट कल तय करेगी. बता दें मुस्लिम पक्ष ने रमजान से पहले संभल मस्जिद की रंगाई-पुताई करने की इजाजत मांगी है लेकिन,  हिंदू पक्ष की तरफ से मस्जिद कमेटी की याचिका का विरोध किया गया. हिंदू पक्ष ने कहा कि रंगाई पुताई के नाम पर विवादित परिसर से छेड़छाड़ की जा सकती है. 

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