संभल पुलिस ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार कार्यक्रम से जुड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने तीन लोगों के एक गिरोह को गिरफ्तार किया, जो इंटरनेट से मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर और मोहर की कॉपी तैयार कर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से अधिकारियों को धोखा देते थे। यह गिरोह गोरखपुर मठ के नाम से अधिकारियों को फोन कर शिकायतकर्ताओं के पक्ष में कार्रवाई करने की बात करता था और इसके बदले में हर मामले से 20 से 50 हजार रुपए वसूलता था।

पुलिस की जांच में भाजपा पश्चिमी क्षेत्र के उपाध्यक्ष राजेश सिंघल के भाई का नाम भी सामने आया है। मुख्य साजिशकर्ता, बाराबंकी के नागेंद्र ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसकी मुलाकात लखनऊ में राजेश सिंघल के भाई कपिल सिंघल से हुई थी। कपिल ने नागेंद्र को 30 हजार रुपए दिए थे और मोहल्ला कोट पूर्वी निवासी विपुल गुप्ता के परिवार को फोन करके दबाव बनाने को कहा था।

विपुल गुप्ता और कपिल सिंघल के बीच संपत्ति विवाद

जांच में यह भी सामने आया कि विपुल गुप्ता और कपिल सिंघल के बीच संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। इसके चलते कपिल ने विपुल और उनकी पत्नी को धमकाने के लिए गिरोह से संपर्क किया। इस दौरान, विपुल गुप्ता की पत्नी शालिनी को एक फोन आया जिसमें कॉलर ने खुद को भाजपा लखनऊ और गोरखपुर मठ से पंडित राज आचार्य महाराज बताया और विपुल से जल्द संपर्क करने की धमकी दी।

ऑडियो क्लिप ने खोली साजिश की परतें

विपुल गुप्ता की शिकायत पर पुलिस ने 53 सेकंड का वायरल ऑडियो क्लिप के आधार पर जांच शुरू की। इस क्लिप में धमकी दी जा रही थी कि अगर विपुल गुप्ता जल्द संपर्क नहीं करते, तो उनकी मदद नहीं की जा सकेगी। जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि गोरखपुर मठ और भाजपा लखनऊ में ऐसा कोई व्यक्ति मौजूद नहीं है।

गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई

एसपी कृष्ण विश्नोई ने बताया कि कपिल सिंघल ने गिरोह के माध्यम से विपुल गुप्ता की संपत्ति हड़पने की साजिश रची थी। इसके लिए गिरोह ने 30 हजार रुपए एडवांस लिए थे और अधिकारियों को 33 कॉल और 36 पुलिस अधिकारियों के सीयूजी मोबाइल नंबरों पर 135 बार संपर्क किया था। इस गिरोह के मुख्य सदस्य बाराबंकी के नागेंद्र और सुधीर थे, जिन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

एसपी ने यह भी बताया कि अन्य पीड़ितों की शिकायतों के आधार पर और मामलों की जांच की जा रही है। गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

गिरफ्तार आरोपियों में बाराबंकी के सीहामऊ गांव के निवासी नागेंद्र, सुधीर कुमार मिश्रा और रामपुर के परतापुर गांव के निवासी राजू शामिल हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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