कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दी गई शेयर खरीदने की सलाह और फिर चुनाव के बाद आए ‘झूठे एग्जिट पोल’ के कारण स्टॉक बाजार में सबसे बड़ा घोटाला हुआ है जिसमें निवेशकों के 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए। उन्होंने कहा कि इस आपराधिक कृत्य में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री और एग्जिट पोल करने वालों की भूमिका की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए।
राहुल गांधी ने कहा, “पहली बार हमने नोट किया कि चुनाव के समय प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री ने स्टॉक बाजार पर टिप्पणी की…फिर एक जून को झूठे एग्जिट पोल आए। ” उन्होंने दावा किया कि भाजपा के आंतरिक सर्वें में 220 सीट मिल रही थी, लेकिन एग्जिट पोल में ज्यादा सीटें दिखाई गईं।
राहुल गांधी का कहना था, “तीन जून को स्टॉक बाजार सारे रिकॉड तोड़ देता है, चार जून को खटाक से नीचे चला जाता है। हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। खुदरा निवेशकों के 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए।” उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने निवेश की सलाह क्यों की? पांच करोड़ निवेशकों को शेयर खरीदने की सलाह क्यों दी गई? फायदा उठाने वाले विदेशी निवेशक कौन हैं? ”
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह स्टॉक बाजार सबसे बड़ा घोटाला है तथा आपराधिक कृत्य है और इस मामले की जांच के लिए जेपीसी का गठन होना चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि इसमें प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और एग्जिट पोल करने वालों की भूमिका की जांच होनी चाहिए।