शिक्षा निदेशालय (DOE) ने निजी स्कूलों में प्रारंभिक कक्षाओं में प्रवेश के लिए विशेष बच्चों (CWSN) के दाखिले को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं।
शुक्रवार को जारी परिपत्र के अनुसार, इसके लिए ‘‘बेंचमार्क दिव्यांगता’’ वाले बच्चे आवेदन करने के पात्र हैं। ‘‘बेंचमार्क दिव्यांगता’’ शब्द से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जिसकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत से कम नहीं हो तथा जो दिव्यांगजन अधिकार आरपीडब्ल्यूडी) अधिनियम, 2016 के तहत सरकारी अस्पताल द्वारा प्रमाणित होना चाहिए।
परिपत्र में कहा गया है कि बौद्धिक दिव्यांगता, सीखने की विशिष्ट दिव्यांगता, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार या संबंधित श्रेणियों वाले बच्चों पर भी मूल्यांकन या नैदानिक रिपोर्ट के आधार पर विचार किया जा सकता है।
परिपत्र के अनुसार 31 मार्च, 2025 तक विशेष आवश्यकता वाले आवेदकों के लिए आयु मानदंड प्री-स्कूल/नर्सरी के लिए तीन से सात वर्ष, किंडरगार्टन के लिए चार से आठ वर्ष और पहली कक्षा के लिए पांच से नौ वर्ष होना चाहिए।
परिपत्र में कहा गया है कि आवेदनों के लिए ऑनलाइन मॉड्यूल सोमवार (दो जून) को खुलेगा और जमा करने की अंतिम तिथि 22 जून है, जिसमें सात जुलाई को एक ‘कम्प्यूटरीकृत ड्रा’ निकाले जाने की संभावना है।
परिपत्र में दोहराया गया है कि शिक्षा के अधिकार (आरटीई) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, कोई भी स्कूल दाखिले के समय ‘कैपिटेशन फीस’ या ‘डोनेशन’ की मांग नहीं कर सकता है।
कुछ शैक्षणिक संस्थाएं अवैध ढंग से पैसा लेकर प्रवेश देती हैं या अन्य शैक्षिक सेवा देती है। इस अवैध लेनदेन शुल्क को ‘कैपिटेशन फीस’ कहा जाता है।
किसी भी उल्लंघन के परिणामस्वरूप मांगी गई राशि से दस गुना तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
अभिभावकों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे दाखिला सुरक्षित करने के लिए आवासीय विवरण में हेरफेर नहीं करें, क्योंकि कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ ‘लोकेशन डाटा’ पर आधारित है।