प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दतिया और सतना हवाई अड्डों सहित कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसके अलावा नरेंद्र मोदी ने भोपाल में लोकमाता देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के सम्मान में ‘स्मारक सिक्का और टिकट’ जारी किया। मोदी ने भोपाल के जम्बूरी मैदान में ‘लोकमाता देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन’ कार्यक्रम के दौरान अहिल्याबाई होल्कर को पुष्पांजलि अर्पित की।

नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन के शुरूआत में कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई कहती थीं कि शासन का सही अर्थ लोगों की सेवा करना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है। आज का कार्यक्रम उन्हीं के विचारों को आगे बढ़ाता है। आज इंदौर मेट्रो का उद्घाटन हुआ है। दतिया और सतना को भी हवाई सेवा से जोड़ा गया है। इन सभी परियोजनाओं से मध्य प्रदेश में सुविधाएं बढ़ेंगी, विकास को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर का नाम सुनते ही मन में श्रद्धा का भाव उमड़ पड़ता है। उनके महान व्यक्तित्व के बारे में बोलने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। देवी अहिल्याबाई प्रतीक हैं कि जब इच्छाशक्ति होती है, दृढ़ प्रतिज्ञा होती है तो परिस्थितियां कितनी ही विपरीत क्यों ना हों, परिणाम लाकर दिखाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 250-300 साल पहले जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। उस समय ऐसे महान कार्य कर जाना कि आने वाली अनेक पीढियां उसकी चर्चा करें, ये कहना तो आसान है, करना आसान नहीं था। लोकमाता अहिल्याबाई ने प्रभुसेवा और जनसेवा को कभी अलग नहीं माना। कहते हैं कि वे हमेशा शिवलिंग अपने साथ लेकर चलती थी। उस चुनौतीपूर्ण कालखंड में एक राज्य का नेतृत्व, कांटों से भरा ताज, लेकिन लोकमाता अहिल्याबाई ने अपने राज्य की समृद्धि को नई दिशा दी।

उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई भारत की विरासत की बहुत बड़ी संरक्षक थीं। जब देश की संस्कृति पर, हमारे मंदिरों, हमारे तीर्थ स्थलों पर हमले हो रहे थे,  तब लोकमाता ने उन्हें संरक्षित करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने काशी विश्वनाथ सहित पूरे देश में हमारे अनेकों मंदिरों का, हमारे तीर्थों का पुनर्निर्माण किया। ये मेरा सौभाग्य है कि जिस काशी में लोकमाता अहिल्याबाई ने विकास के इतने काम किए, उस काशी ने मुझे भी सेवा का अवसर दिया है। आज अगर आप काशी विश्वनाथ महादेव के दर्शन करने जाएंगे, तो वहां आपको देवी अहिल्याबाई की मूर्ति भी मिलेगी।

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