यूपी के प्रयागराज जिले में 24 फरवरी 2023 को हुए उमेशपाल हत्याकांड के छह आरोपी अभी तक फरार हैं। इसमें अतीक की पत्नी शाइस्ता और अशरफ की पत्नी रूबी जैनब समेत तीन शूटरों पर 5-5 लाख का इनाम घोषित है। धूमनगंज पुलिस ने अब इनके ऊपर सीआरपीसी की धारा 83 के तहत कार्रवाई की तैयारी कर ली है। इसके लिए पुलिस को कोर्ट से अनुमति भी मिल गई है। इससे पहले इन सभी आरोपियों के घरों पर पुलिस ने मुनादी करवाई थी। इसमें एक महीने के भीतर खुद को सरेंडर करने को कहा गया था, लेकिन पूरा महीना बीतने के बाद भी इनमें से किसी आरोपी ने खुद को सरेंडर नहीं किया है। अब पुलिस ने कोर्ट से धारा 83 के तहत कार्रवाई की अनुमति ले ली है।
दरअसल, बीते 24 फरवरी को प्रयागराज में अधिवक्ता उमेशपाल और उनकी सुरक्षा में लगे दो सिपाहियों की हत्या कर दी थी। इस दौरान जमकर बमबाजी और गोलीबारी की गई थी। इस हत्याकांड में शामिल अतीक के बेटा असद पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। अन्य कई आरोपियों के भी एनकाउंटर पुलिस ने किए थे। इसके अलावा इसमें अभी तक अतीक की पत्नी शाइस्ता, अशरफ की पत्नी रूबी जैनब समेत शूटर साबिर, अरमान और बमबाज गुड्डू मुस्लिम अभी तक फरार हैं। इन सभी पर पुलिस ने 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है।
इसके अलावा हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में पुलिस ने अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी को भी वांछित घोषित किया है। पिछले महीने पुलिस ने इन सभी आरोपियों के घरों पर धारा 82 के तहत नोटिस चस्पा कर एक महीने का समय दिया था। पूरा महीना बीतने के बाद भी इनमें से किसी आरोपी ने खुद को सरेंडर नहीं किया। इसके बाद धूमनगंज पुलिस ने कोर्ट के आदेश की अवहेलना में इन सभी आरोपियों के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया है।
इस मामले में कोर्ट ने धूमनगंज पुलिस को सीआरपीसी की धारा 83 के तहत इन सभी आरोपियों के घरों को कुर्क करने का आदेश दिया है। पुलिस ने अब इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। दरअसल, सीआरपीसी की धारा 83 के तहत उन आरोपियों पर कार्रवाई की जाती है। जो न्यायालय के आदेश के बावजूद नोटिस का संज्ञान नहीं लेते हैं। इसे कोर्ट के आदेश की अवहेलना माना जाता है।
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 के तहत पहले कोर्ट फरार आरोपियों को सरेंडर करने का नोटिस जारी करती है। यह नोटिस आरोपियों के घरों पर पुलिस चस्पा कराती है। साथ ही क्षेत्र में मुनादी भी कराई जाती है। समय बीतने के बाद भी आरोपियों के सरेंडर नहीं करने पर कोर्ट सीआरपीसी की धारा 83 के तहत आरोपियों के घरों को कुर्क करने का आदेश देती है। इसके बाद पुलिस कुर्की की मुनादी कराती है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights