दिल्ली के कथित शराब घोटाले मामले में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई के समन पर सियासत जारी है। भाजपा ने इस मामले में केजरीवाल पर शनिवार को जोरदार हमला बोला है। सीबीआई द्वारा अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन भेजे जाने के बाद भाजपा ‘आप’ और उसके मुखिया पर हमलावर बनी हुई है। भाजपा ने केजरीवाल शराब घोटाले का किंगपिन बताया है।

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने शराब घोटाले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, अरविंद केजरीवाल जी, जिस मीटिंग में ये शराब घोटाले की साजिश रची जाती थी उसकी अध्यक्षता आप कर रहे थे… तो आप पर गाज क्यों नहीं गिरनी चाहिए? अरविंद केजरीवाल जी जनता को बताएं कि उनकी समीर महेन्द्रू से फेसटाइम पर बात हुई थी या नहीं?

भाजपा नेता ने कहा कि आप जनता को यह भी बताइए कि शराब कारोबारियों से आपका क्या रिश्ता है? आपकी शराब नीति इतनी अच्छी थी तो इसको वापस क्यों लिया गया? अरविंद केजरीवाल का केवल एक ही काम है- लूट, खसूट और भ्रष्टाचार। अरविंद केजरीवाल कट्टर बेईमान हैं।

गौरव भाटिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ही शराब घोटाले के किंगपिन हैं। ‘जैसे जैसे जुड़ रही है कड़ी, अरविंद केजरीवाल के पास आ रही है हथकड़ी…”

उन्होंने कहा कि जैसे ही केजरीवाल को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया, जाहिर तौर पर वे डर से कांपने लगे हैं। अब तक की जांच से यही पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के सरगना हैं।

हमने पांच सवाल पूछे हैं, और मैं उन्हें केवल एक का उत्तर देने का चेलेंज देता हूं। वह इधर-उधर भटकाकर इन सवालों से बच जाएंगे। अरविंद केजरीवाल जी, अगर आपको किसी बात का डर नहीं है तो दूध का दूध और शराब की शराब होने दीजिए। जो सवाल पूछे जाएं उनका उत्तर दे दीजिए… अगर आपके ही मापदंड आपके ऊपर लगाएं तो एक पॉलीग्राफ टेस्ट ले लीजिए… लाई डिटेक्टर टेस्ट ले लीजिए… सब स्पष्ट हो जाएगा, लेकिन ऐसा आप करेंगे नहीं क्योंकि अंदर से आप डरे हुए हैं, घबराएं हुए हैं।

मनीष सिसोदिया इतने भोले हैं नहीं जितना बताया जा रहा है। इनके पास चार मोबाइल फोन थे, जब जांच अधिकारियों ने जांच के लिए फोन मांगा तो एक फोन दे दिया बाकी तीन नष्ट कर दिए। क्यों? क्या इनको ये लग रहा था कि अरविंद केजरीवाल की भी गर्दन पकड़ी जाएगी… इसलिए नष्ट कर दिए?

जनता को इसका जवाब आपको देना ही होगा। इनको गुमान है कि ये कानून से ऊपर हैं, लेकिन हमें यकीन है कि कानून का हाथ इनकी गर्दन तक पहुंचेगा।

सेशंस कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत खारिज करते हुए कहा, “मनीष ने इंडोस्पिरिट के समीर महेंद्रू को L1 देने के लिए व्यक्तिगत रूप से तत्कालीन आबकारी आयुक्त को बुलाया।” एक पूर्व मंत्री एक आबकारी आयुक्त को किसी विशेष व्यक्ति/संस्था को एल1 देने के लिए क्यों बाध्य करेगा?

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