मणिपुर हिंसा को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा जारी है। सरकार इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार है, लेकिन विपक्षी दल पीएम मोदी के सदन में बयान की मांग कर रहे। आगे की रणनीति बनाने के लिए उन्होंने गुरुवार को एक बैठक की। जिसमें विपक्षी सांसदों को मणिपुर भेजने का फैसला लिया गया।
जानकारी के मुताबिक विपक्षी गठबंधन INDIA के सांसद 29-30 जुलाई को हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा करेंगे। इस दौरान वो वहां पर जमीनी हालात का जायजा लेंगे। इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। वैसे शनिवार और रविवार को सदन की कार्यवाही नहीं होती, ऐसे में इन दो दिनों को चुना गया है।
वहीं दूसरी ओर मणिपुर के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सदन चल रहा है, हम मांग कर रहे हैं कि PM वहां आएं और बयान दें, लेकिन वे राजस्थान में राजनीतिक भाषण दे रहे हैं और चुनाव की बात कर रहे।
उन्होंने आगे कहा कि जब वे वहां (राजस्थान) जा सकते हैं तो क्या आधे घंटे के लिए सदन में आकर बयान नहीं दे सकते? इसका मतलब है कि लोकतंत्र में उनकी कोई रुचि नहीं है, कोई विश्वास नहीं है। वे लोकतंत्र और संविधान की रक्षा नहीं करना चाहते, वे संसद का अपमान कर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने गुरुवार को प्रदर्शन का नया तरीका अपनाया। जिसके तहत उसके सांसद सदन में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इस दौरान राज्यसभा और लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। जिस वजह से कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है। वहां पर 4 मई को हजारों की भीड़ ने एक गांव में हमला किया। इसके बाद पांच लोग जंगल में छिप गए। उनको पुलिस बचाकर ले जा रही थी, तभी भीड़ ने सबको छुड़ा लिया।
भीड़ ने दो महिलाओं को नग्न करके घुमाया, जिसका वीडियो 19 जुलाई को वायरल हुआ। इसके बाद से राज्य में हिंसा हो रही। विपक्षी दल इस मुद्दे पर बीजेपी शासित मणिपुर के सीएम का इस्तीफा मांग रहे।