भारत सरकार ने लड़कियों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी। अब, वित्त मंत्रालय ने इस योजना से जुड़े कई नियमों में बदलाव किए हैं। डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिन्हें सभी डाकघरों को तुरंत लागू करने के लिए कहा गया है।

वित्त मंत्रालय के अनुसार, नए नियम सभी छोटे बचत खातों पर लागू होंगे, जिसमें सुकन्या समृद्धि योजना भी शामिल है। नए दिशानिर्देशों के तहत, अगर दादा-दादी ने अपनी पोती के नाम पर खाता खोला है, तो अब इसे माता-पिता या कानूनी अभिभावक को हस्तांतरित करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, अगर एक ही बच्ची के नाम पर दो खाते खोले गए हैं, तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा, क्योंकि यह योजना के नियमों के विरुद्ध है।

नए नियमों के तहत सभी सुकन्या समृद्धि खातों को माता-पिता या अभिभावक के पैन और आधार कार्ड से जोड़ा जाना अनिवार्य है। यदि खाता अभी तक इन दस्तावेज़ों से लिंक नहीं है, तो जल्द से जल्द इनकी जानकारी जमा करनी होगी। इसके अलावा, सभी डाकघरों को नए नियमों के बारे में खाताधारकों को सूचित करने का निर्देश दिया गया है।

अकाउंट नियमित करने का अधिकार वित्त मंत्रालय के पास
सर्कुलर के अनुसार, किसी भी अनियमित खाते को नियमित करने का अधिकार केवल वित्त मंत्रालय के पास है। इसीलिए, डाकघरों को ऐसे खातों की पूरी जानकारी मंत्रालय को देनी होगी।

इस योजना के तहत, आप प्रति माह न्यूनतम 250 रुपये से लेकर सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं। इस तिमाही में योजना पर 8.2% ब्याज दिया जा रहा है। यह खाता तब तक सक्रिय रहता है जब तक कि बेटी 21 साल की नहीं हो जाती। 18 साल की उम्र के बाद, इस खाते से 50% राशि निकाली जा सकती है, जिससे उच्च शिक्षा या अन्य जरूरतें पूरी की जा सकें। खाता खोलने के लिए बेटी का जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता या अभिभावक का पैन और आधार कार्ड देना आवश्यक है।

 

 

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