वाराणसी। इंटीग्रेटेड डिविनल कार्यालय के लिए वाराणसी में ट्विन टावर बिल्डिंग प्रस्तावित है। यह बिल्डिंग मंदिर के मुख्य द्वार के आकार में बनाई जाएगी। इस 10 मंजिला बिल्डिंग के निर्माण में पर्यावरण और प्रकृति का विशेष ध्यान दिया जाएगा। योगी सरकार ने इस आइकोनिक ट्विन टावर के निर्माण मिटत तक बर्बाद न हो इसके लिए निर्देश देते हुए रणनीति तैयार की है। कॉरपोरेट कार्यालय के तर्ज पर ये अत्याधुनिक बिल्डिंग कमिश्नरी परिसर में प्रस्तावित है, जिसमे मंडल के सभी कार्यालय एक छत के नीचे होंगे।
योगी सरकार ने जिस जगह पर बिल्डिंग का निर्माण होगा। उसी स्थान की ऊपरी सतह की मिट्टी को संरक्षित किया जाएगा। इस संरक्षित मिटटी का इस्तेमाल बिल्डिंग को खूबसूरत बनाने में किया जाएगा। वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने बताया कि इंटीग्रेटेड मंडलीय कार्यालय के निर्माण होने वाली जगह की ऊपरी मिट्टी का संरक्षण किया जाएगा। जिसका इस्तेमाल बहुमंजिले इमारत के बनने के बाद बागवानी और लैंड स्केपिंग में किया जाएगा।
अक्सर बहुमंजिला भवनों के निर्माण में ऊपरी सतह की मिट्टी बर्बाद कर दी जाती है, लेकिन योगी सरकार अब मिट्टी को भी बर्बाद नहीं होने देगी। गौरतलब है कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय में मंडल के 59 कार्यालय प्रस्तावित हैं। ट्विन टावर में कांफ्रेंस हाल, सभी फ्लोर पर एक कॉमन मीटिंग रूम, अत्याधुनिक स्टोर रूम, बैंक, जिम, कैफेटेरिया और समुचित पार्किंग की व्यवस्था होगी।