वर्ल्ड प्लास्टिक सर्जरी डे पर डा. राम मनोहर लोहिया के अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन्स ने 24 घंटे में 24 जटिल प्लास्टिक सर्जरी संपन्न कर शल्यक्रिया के क्षेत्र में इतिहास रच दिया। सभी 24 सर्जरी 15 जुलाई को संपन्न की गई।
16 जुलाई को यानी 24 घंटे बाद उनकी फीडबैक यानी पेशेंट समरी रिपोर्ट नार्मल होने की पुष्टि की गई। भारतीय शल्यक्रिया क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में देखा जा रहा है। इनमें 18 सर्जरी अत्यंत सुक्ष्म व जटिल थीं, जबकि अन्य 6 प्लास्टिक सर्जरी नार्मल मोड में संपन्न की गई। सभी सर्जरी ओटी मैराथन मोड में की गई।
जिन मरीजों की प्लास्टिक सर्जरी की गई उनमें 6 से 47 वर्ष की उम्र के पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं। इसके अलावा 8 नाबालिगों और 14 वयस्कों पर प्लास्टिक सर्जरी की गई। इनमें वर्षीय बच्चे भी शामिल थे। उनकी तालु और स्किन ग्राफ्टिंग करना शामिल रहा। मरीजों में सबसे बड़ी 47 वर्षीय उम्र के मरीज की लिम्फैगियोमा एक्सिशन प्लास्टिक सर्जरी की गई।
चुनौती पुर्ण था निर्णय
आरएमएल अस्पताल के डा. पुलिन कुमार गुप्ता के अनुसार वर्ल्ड प्लास्टिक सर्जरी डे के लिए लंबे समय से तैयारी की गई थी। मरीजों की सूची तैयार की गई थी, सभी सर्जरी पूर्ण नैदानिक रिपोर्ट के बाद यह 24 घंटे की मैराथन सर्जरियां अंजाम दी गई।
सर्जरी 15 जुलाई की सुबह 9 बजे से 16 जुलाई (मंगलवार) की सुबह 9 बजे तक की गई। सर्जन्स ने अपनी कर्मभूमि-ऑपरेशन थियेटर में संभवत: पहली बार ऐसा किया है।
बर्न्स प्लास्टिक, मैक्सिलोफेसिशयल औार माइक्रो वास्कुलर सर्जरी यूनिट की निगरानी में सबसे महत्वपूर्ण सहयोग एनेस्थीसिया विभाग का रहा। एनेस्थीसिया की प्रमुख डॉ. नीरजा बनर्जी और डॉ. रूपेश की अध्यक्षता वाली टीम ने ओटी को एक मिशन के रूप में संचालित किया।
विभाग के निदेशक प्रोफेसर और प्रमुख डॉ समीक भट्टाचार्य ने कहा, 17 सर्जनों की प्लास्टिक सर्जरी टीम तैनात की गई थी, जिन्होंने पिछले 24 घंटों में त्रुटिहीन सटीकता के साथ 24 ऑपरेशन किए। नर्सिंग, तकनीकी और सहायक कर्मचारियों ने अत्यंत समर्पण के साथ काम किया।