राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को कहा कि लोकसभा में पेश वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार और उसके सहयोगियों की ‘‘लोगों का धुव्रीकरण करने की सुनियोजित साजिश” है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी पार्टी के सांसद संसद के दोनों सदनों में इस विधेयक का पुरजोर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के सांसद अब संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में अपने विचार व्यक्त करेंगे। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को आगे की समीक्षा के लिए जेपीसी को भेजे जाने के तुरंत बाद, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भाजपा वक्फ कानून में संशोधन एक सोची समझी साजिश के साथ ला रही थी तथा जदयू (जनता दल यूनाइटेड) -लोजपा (लोक जनशक्ति पार्टी) इस ध्रुवीकरण के औजार में सहभागी रही।” उन्होंने कहा कि ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ सहित अनेक मुस्लिम संगठनों, विद्वानों और राजद के मुस्लिम नेताओं से सुझाव प्राप्त करने और इस विषय पर चर्चा करने के बाद उन्होंने और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने लोकसभा और राज्यसभा में अपने सांसदों से इस ‘‘संविधान विरोधी विधेयक” का पुरजोर विरोध करने को कहा है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री यादव ने अपनी पोस्ट में लिखा, “संविधान की धारा-29 हर धर्म को स्वायत्तता और स्वतंत्रता देती है और उसका सम्मान खारिज करने की हर नीति और नीयत के खिलाफ हम लड़ते रहेंगे। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में हमारे दल के सदस्य बिंदुवार हर पहलू पर अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे।” इससे पहले, केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार की गठबंधन सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जद(यू) ने लोकसभा में इस विधेयक को पेश किए जाने पर इसका समर्थन किया और इस बात पर जोर दिया कि इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्ड के संचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर टिप्पणी करते हुए बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मोहम्मद इरशादुल्लाह ने कहा, “मैंने इस विधेयक को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की और इसके हर पहलू पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि जो भी अंतिम रूप दिया जाएगा, वह वक्फ बोर्ड के हित में होगा। अभी विधेयक को जेपीसी के पास भेजा गया है।”