वक्फ संसोधन विधेयक 2024 को संसद में पेश किए जाने से पहले जमकर का विरोध शुरू हो गया है. विपक्ष के तमाम दल सरकार के खिलाफ मुस्लिम संगठनों के समर्थन में खड़े हो गए हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) द्वारा इसके खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं समाजवादी पार्टी सांसद धर्मेंद्र यादव ने प्रतिक्रिया दी है.
आजमगढ़ के सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा, ‘अपने नेता अखिलेश यादव की ओर से यकीन दिलाने आया हूं कि सपा आखिरी सांस तक इस बिल के खिलाफ लड़ेगी. जहां-जहां ये बिल जाएगा हम वहां-वहां लड़ेंगे. हमें जितनी कुरबानी देने पड़े लेकिन हम इस बिल को पास नहीं होने देंगे. आपकी दुआओं से हम ऐसी स्थिति में है कि संसद को चैन से नहीं चलने देंगे.’
उन्होंने कहा कि अगर जबरदस्ती बिल लाया गया तो सरकार को पता है कि रेल और रक्षा के बाद वक्फ के पास सबसे ज्यादा जमीन है. देश में मुसलमान भाई पर हमला कर रहें हैं. अखिलेश यादव की ओर से यकीन दिलाया हूं कि हर स्तर का संघर्ष करेंगे. इस सरकार की नियत नहीं थी कि होली और जुमे के दिन शांति रहे.
वहीं भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा, “ये आधारहीन लोग हैं. इन्हें न तो जनता का समर्थन है और न ही मुस्लिम समुदाय का. मुस्लिम समुदाय जानता है कि प्रधानमंत्री मोदी गरीबों के लिए काम कर रहे हैं. अगर वक्फ बोर्ड संशोधन होता है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा पसमांदा मुसलमानों, गरीब और पिछड़े वर्ग के मुसलमानों को मिलेगा.”
घोसी के सपा सांसद राजीव राय ने कहा, “लोकतंत्र में उनका अधिकार है. सबको अधिकार है कि जो बाते मन की ना हो और अन्याय हो तो लोकतांत्रिक तरीके से इसका विरोध करें. सरकार की भी जिम्मेदारी है कि वह उनकी बातों को खुले मन और खुले दिमाग से सुने.”