बिहार के सुपौल एवं निकटवर्ती मधेपुरा जिले के सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं से लोन देने के नाम पर करीब 25 लाख रुपए की ठगी (Loan Scam) का मामला सामने आया है। पुलिस सूत्रों ने सोमवार को बताया कि 25 लाख रुपए की ठगी को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने आवेदन दिया है। पीड़ित महिलाओं ने जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और सदर थाना अध्यक्ष को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।

करीब 500 से ज्यादा महिलाओं से वसूली गई यह राशि 
आवेदन में बताया गया कि इक्यूटास स्मॉल फाइनेंस बैंक पटना और गृह लक्ष्मी कैपिटल फाइनेंस लिमिटेड के कर्मचारी, शाखा प्रबंधक, निदेशक और रोकड़पाल ने हर महिला से 1.50 लाख रुपए लोन देने का वादा किया। इसके बदले 5 हजार रुपए प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में लिए गए। करीब 500 से ज्यादा महिलाओं से यह राशि वसूली गई। 

गांव-गांव जाकर महिलाओं को झांसा देते थे कर्मचारी 
आवेदन में आगे कहा गया है कि 21 अप्रैल को लोन देने की तारीख तय की गई थी। उस दिन बैंक का कार्यालय बंद मिला। इन कंपनियों का दफ्तर सुपौल नगर परिषद वार्ड संख्या चार स्थित गौरवगढ़ चौक और पिपरा रोड के पास राकेश साह के मकान में चल रहा था। यह मकान मुजफ्फरपुर के साहेबगंज निवासी महेंद्र सिंह के पुत्र आशुतोष राणा ने किराए पर लिया था। ठगी करने वाले कर्मचारी अलग-अलग गाड़ियों से गांव-गांव जाकर महिलाओं को झांसा देते थे। ठगी में सरोज कुमार, संतोष कुमार, अभिषेक कुमार, देवेंद्र कुमार और सनोज कुमार सहित एक अन्य व्यक्ति शामिल था।

लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ. अमन कुमार ने कहा कि माइक्रो फाइनेंस कंपनियां गरीबों के मेहनत की कमाई लूट रही हैं। महिलाएं लाचार हैं, उन्हें झांसा देकर शोषण किया जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिला प्रशासन, पुलिस और सरकार को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। 

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