भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए उस पर अपने कार्यकाल के दौरान डीबीटी यानी डालमिया, बिड़ला और टाटा जैसे कुछ व्यापारिक समूहों का पक्ष लेने का आरोप लगाया। उन्होंने बजाज को भी इस सूची में शामिल किया और इसे डीबीबीटी योजना का नाम दिया। दुबे की टिप्पणी विपक्ष के आरोपों के जवाब में की गई थी कि वर्तमान सरकार अरबपति गौतम अडानी और मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनियों का समर्थन करती है।
दुबे ने लोकसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि कांग्रेस के समय धनशोधन विरोधी कानून तथा आयकर से जुड़े कानूनों को सख्त किया गया था, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में ईमानदारी से लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो भी भ्रष्टाचारी होगा, वो जेल जाएगा। दुबे ने कहा कि आज जब अन्य देशों का आकलन करेंगे तो पता चलेगा कि आज भी भारत दुनिया के लिए आशा की किरण है क्योंकि यहां विकास दर सात प्रतिशत है।
दुबे ने कुछ राजनेताओं के व्यवहार में स्पष्ट विरोधाभास की ओर भी इशारा किया। उन्होंने उल्लेख किया कि अडानी और अंबानी की आलोचना करने वाले कई लोग अनंत अंबानी की शादी में मौजूद थे, लेकिन अब संसद में उनके विरोध में मुखर हैं, जहां उद्योगपति अपना बचाव नहीं कर सकते। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह बजट को लेकर अराजकता फैला रहे हैं तथा उस पद का क्या हाल कर रहे हैं जिस पर बाबू जगजीवन राम, अटल बिहारी वाजपेयी, वाईवी चव्हाण और शरद पवार जैसे लोग आसीन रह चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ओबीसी आरक्षण के खिलाफ है और उसने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में किसी पिछड़े को मुख्यमंत्री नहीं बनाया।
दुबे ने कहा, ‘‘आज देश के प्रधानमंत्री पिछड़े वर्ग से हैं, अगर वह ओबीसी की सुरक्षा की बात करते हैं तो आप (कांग्रेस) ओबीसी-ओबीसी करने लगते हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस मुस्लिम और ईसाई समुदाय को पीछे के रास्ते से आरक्षण देना चाहती है। भाजपा सांसद का कहना था कि इस बजट में ‘एजेंल टैक्स’ खत्म किया गया ताकि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलें। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस देश को बदनाम करना चाहती है। वह चाहती है कि प्रधानमंत्री मोदी और देश के खिलाफ माहौल बने। लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।’’