समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में शामिल होते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि हारी हुई सरकार सत्ता में है. जनता कह रही है कि ये चलने वाली नहीं, गिरने वाली सरकार है।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि इस लोकसभा चुनाव में सकारात्मक राजनीति की जीत हुई, गत चार जून को सांप्रदायिक राजनीति से देश को आजादी मिली तथा ‘सामुदायिक राजनीति’ की शुरुआत हुई।

उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि इस चुनाव ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) को भी जिम्मेदारी का पैगाम दिया है।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीट जीत जाए तब भी उन्हें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर भरोसा नहीं होगा।

यादव ने कहा, ‘‘चार जून (लोकसभा चुनावों के परिणाम वाला दिन) देश के लिए सांप्रदायिक राजनीतिक से आजादी का दिन था। सांप्रदायिक राजनीति का अंत हुआ और सामुदायिक राजनीति की शुरुआत हुई। इस चुनाव में सांप्रदायिक राजनीति की हमेशा के लिए हार हो गई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सकारात्मक राजनीति की जीत हुई है। हम मानते हैं कि संविधान ही संजीवनी है और उसकी जीत हुई है।’’

सपा सांसद ने कहा कि देश किसी की निजी महात्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि जन आकांक्षा से चलेगा, और अब मनमर्जी नहीं, बल्कि ‘जनमर्जी’ चलेगी।

यादव ने आरोप लगाया कि इस सरकार ने आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया है।

उन्होंने कहा कि वह उन मतदाताओं का आभार प्रकट करते हैं जिन्होंने लोकतंत्र को एकतंत्र बनाने से रोका।

यादव ने दावा किया कि जनता ने हुकूमत का गुरूर तोड़ दिया और अब एक ‘हारी हुई सरकार’ विराजमान है।

उन्होंने कहा कि इस चुनाव में ‘‘इंडिया गठबंधन की नैतिक जीत हुई है। पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसख्यक), इंडिया गठबंधन की सकारात्मक राजनीतिक जीत हुई है, सामाजिक न्याय के लिए मुहिम की जीत हुई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार कहती है कि देश पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, लेकिन यह क्यों छिपाती है कि अगर हम पांचवे स्थान पर हैं तो हमारे देश की प्रति व्यक्ति आय किस स्थान पर पहुंची है ?’’

उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है तो 35 प्रतिशत विकास दर चाहिए, जो संभव नहीं दिखाई देता है।

यादव ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों का आग्रह है कि कम से कम गंगाजल को लेकर तो झूठ नहीं बोला जाए।

उन्होंने आरोप लगाया कि विकास के नाम खरबों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या विकास का ढिंढोरा पीटने वाले इस विनाश की जिम्मेदारी लेंगे?’’

यादव ने कहा, ‘‘हमने उत्तर प्रदेश में जो सड़क बनाई थी, उस पर हवाई जहाज उतरे थे, लेकिन अब प्रदेश के मुख्य शहरों की सड़कों पर नाव चल रही हैं।’’

यादव ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में सारी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सच्चाई तो यह है कि यह सरकार पेपर लीक करा रही है क्योंकि यह युवाओं को नौकरी नहीं देना चाहती है।’’ उन्होंने दावा किया कि परीक्षा-शिक्षा माफिया ने अमृतकाल में युवाओं की आशा को जहर दे दिया है।

उन्होंने फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में सपा की जीत का उल्लेख करते हुए कहा कि‘‘होइहि सोइ जो राम रचि राखा।’’

यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग किसी को लाने का दावा कर रहे थे उन्हें अब खुद किसी के सहारे की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम अयोध्या से प्रेम का पैगाम लाए हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि जब तक ईवीएम चुनाव की व्यवस्था से नहीं हटाई जाती, तब तक समाजवादी पार्टी इस मांग को लेकर अडिग रहेगी।

यादव ने कहा, ‘‘ईवीएम पर मुझे कल भी भरोसा नहीं था, आज भी भरोसा नहीं है। मैं 80 की 80 सीट जीत जाऊं तब भी भरोसा नहीं होगा। मैंने चुनाव से पूर्व प्रचार के दौरान कहा था कि ईवीएम से जीतकर ईवीएम हटाने का काम करेंगे। ईवीएम का मुद्दा मरा नहीं, और न ही खत्म हुआ है। जब तक ईवीएम नहीं हटेगी, तब तक हम समाजवादी लोग इसको (हटाने की मांग) लेकर अडिग रहेंगे।’’

इस लोकसभा चुनाव में सपा ने उत्तर प्रदेश में 37 संसदीय सीट जीतकर अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ चुनावी प्रदर्शन किया है। उसकी सहयोगी कांग्रेस ने राज्य में छह लोकसभा सीट जीती हैं।

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