इजराइली हवाई हमले में सोमवार देर रात लेबनान की राजधानी में घनी आबादी वाले आवासीय क्षेत्र को निशाना बनाया गया।

हमलों में बेरूत के जिस क्षेत्र को निशाना बनाया गया वहां से पास में ही संयुक्त राष्ट्र कार्यालय, संसद भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय और कई दूतावास हैं।

लेबनान की सरकारी राष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने कहा कि बेरूत के जौक अल-ब्लाट इलाके में दो मिसाइलें गिरी हैं।

यह हमला ऐसे वक्त हुआ है जब खबर आई है कि अमेरिकी दूत ने युद्धविराम वार्ता के लिए अपनी यात्रा स्थगित कर दी है।

हमलों के बाद पूरे इलाके में एम्बुलेंस के सायरन गूंज रहे थे, लेकिन हताहतों की कोई आधिकारिक संख्या जारी नहीं की गई है।

घटनास्थल पर मौजूद एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के एक रिपोर्टर ने बताया कि सड़क पर काफी संख्या में लोग हताहत हुए हैं। हवाई हमले का लक्ष्य अब भी स्पष्ट नहीं है। इजराइली सेना ने हमले से पहले से कोई चेतावनी जारी नहीं की थी।

एक महीने से ज्यादा समय तक के विराम के बाद मध्य बेरूत पर लगातार दूसरे दिन इजराइल ने हमला किया। रविवार को रास अल-नबा के इलाके में हुए हमले में हिजबुल्ला के मीडिया प्रवक्ता मोहम्मद अफीफ के साथ-साथ एक महिला समेत छह अन्य लोग मारे गए थे।

हमले के कुछ ही मिनटों बाद, लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सभी देशों और निर्णयकर्ताओं से यह अपेक्षित है कि वे लेबनान पर खूनी और विनाशकारी इजराइली हमलों को रोकें और अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावों, विशेष रूप से प्रस्ताव 1701 को लागू करें।’’

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 को 2006 में अपनाया गया था, जिसका उद्देश्य दक्षिणी लेबनान में एक बफर जोन बनाना तथा इजराइल और हिजबुल्ला के बीच शत्रुता को समाप्त करना था।

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