रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर 24 फरवरी, 2022 को शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) का अंत अभी तक नहीं हुआ है। जब यह युद्ध शुरू हुआ था तब किसी ने भी नहीं सोचा था कि युद्ध कुछ दिन से ज़्यादा चलेगा। पर 15 महीने से भी ज़्यादा समय बीत जाने के बावजूद दोनों देशों के बीच जंग जारी है। इस युद्ध की वजह से यूक्रेन में भीषण तबाही मच चुकी है। बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है और उससे भी ज़्यादा लोग घायल हुए हैं। यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं। पर लगातार मिल रहे इंटरनेशनल सपोर्ट की वजह से रूस की शक्तिशाली आर्मी के सामने यूक्रेन की आर्मी अभी भी डटी हुई है। इस युद्ध में अब तक कई मोड़ आ चुके हैं। ऐसा कहना गलत होगा कि रूस को इस युद्ध में नुकसान नहीं हुआ। रूस को भी अब तक इस युद्ध में काफी नुकसान हो चुका है। पर यूक्रेन को इस युद्ध में काफी ज़्यादा नुकसान हुआ है। और अब रूस ने यूक्रेन को एक और बड़ा झटका दिया है।

पिछले कुछ दिन से इस बात की आशंका थी और अब आशंका सच्चाई में बदल चुकी है। रूस ने आज हमले में यूक्रेन के काखोवका बांध को उड़ा दिया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेन्स्की ने इस बात की पुष्टि की है।

काखोवका बांध यूक्रेन का सबसे बड़ा बांध था। यह बांध 30 मीटर लंबा और 3.2 किलोमीटर इलाके में फैला हुआ था। इस बांध से ही क्रीमिया  और जपोरीजिया  न्यूक्लियर प्लांट में पानी पहुंचाया जाता रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार काखोवका बांध के तबाह होने से यूक्रेन के करीब 80 गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बांध के टूटने से इसका पानी अब जंग के मैदान तक पहुंच गया है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए आस-पास के गांवों को खाली कराने की कवायद शुरू हो चुकी है।

काखोवका बांध के तबाह होने से खतरे की आशंका को देखते हुए यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर मामले की गंभीरता और इससे निपटने के उपायों पर बातचीत की।

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