राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 75(1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए नरेंद्र मोदी को भारत का प्रधानमंत्री नियुक्त किया है।
यह निर्णय राष्ट्रपति ने विभिन्न समर्थन पत्रों के आधार पर लिया। विभिन्न समर्थन पत्रों के आधार पर राष्ट्रपति ने पाया कि भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए, जो सबसे बड़ा चुनाव पूर्व गठबंधन भी है, बहुमत का समर्थन हासिल करने की स्थिति में है।
इससे पहले शुक्रवार को एनडीए के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को एक पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया कि नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार दोपहर राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात की।
एनडीए के घटक दलों की ओर से भी समर्थन पत्र राष्ट्रपति को सौंपें गए। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में राजनाथ सिंह, अमित शाह, अश्विनी वैष्णव शामिल थे।
तेलुगु देशम पार्टी से चंद्रबाबू नायडू, जनता दल (यूनाइटेड) से नीतीश कुमार, राजीव रंजन सिंह और संजय झा, शिवसेना से एकनाथ शिंदे, जनता दल (सेक्युलर) से एचडी कुमारस्वामी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से चिराग पासवान, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा से जीतनराम मांझी, जनसेना से पवन कल्याण, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अजित पवार, अपना दल से अनुप्रिया पटेल, राष्ट्रीय लोकदल से जयंत चौधरी, यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल से जोयंता बसुमतारी, असम गण परिषद से अतुल बोरा, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा से इंद्रा हैंग सुब्बा, आजसू से सुदेश महतो और चंद्र प्रकाश चौधरी व रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) से रामदास अठावले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति को शपथ ग्रहण के लिए 9 जून की तारीख बताई है। रविवार की शाम शपथ ग्रहण समारोह होगा।