उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे भव्य और दिव्य राम मंदिर को देखने और रामलला के दर्शन करने के लिए भक्तों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। अगले साल 22 जनवरी को राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा और रामलला अपने गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। इस दिन यहां उन श्रद्धालुओं को ही आने की अनुमति है, जिन्हें निमंत्रण दिया गया है। सामान्य दर्शनार्थियों को उस दिन आने की अनुमति नहीं है। इसलिए प्राण प्रतिष्ठा से पहले जहां भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर रामलला के दर्शन कर रहे हैं।

राममंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है। समारोह की तारीख जैसे-जैसे निकट आ रही है, वैसे-वैसे ही यहां देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में भक्तजन आ रहे है। श्रद्धालु जहां आकर रामलला के दर्शन कर रहे है और आरती में भी शामिल हो रहे है। हर दिन करीब 20 से 25 हजार भक्त राममंदिर पहुंच रहे है। शनिवार और रविवार को तो यहां आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या 40 हजार तक हो जाती है। ज्यादा से ज्यादा भक्तजन आरती में शामिल होना चाहते है, जिन श्रद्धालुओं को एक दिन आरती में शामिल होने का मौका नहीं मिलता, वो दूसरे दिन आरती में शामिल होने के लिए पास बनवाते है और आरती में शामिल होते है।

बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत 18 जनवरी से हो जाएगी। विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की विधि का आरंभ गणेश, अंबिका पूजन, वरुण पूजन, मातृका पूजन, ब्राह्मण वरण, वास्तु पूजन से होगा। काशी के वैदिक पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में वैदिक ब्राह्मणों की टोली 17 जनवरी को अयोध्या के लिए रवाना होगी। मुख्य आचार्य पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे और उनके पुत्र जयकृष्ण दीक्षित और सुनील दीक्षित पूजन कराएंगे। 17 जनवरी को ही रामलला की प्रतिमा अयोध्या में नगर भ्रमण पर निकलेगी।

 

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