उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में रामभक्तों की कमी नहीं है। ऐसे ही अलीगढ़ के एक रामभक्त ने अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के लिए 400 किलो का ताला बनाया है। इसकी चाबी 4 फीट लंबी है। यह ताला दिसंबर 2023 तक अयोध्या में राम मंदिर प्रबंधन को सौंपा जा सकता है। इस ताले के बारे में श्री रामजन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट से जुड़े पदाधिकारी ने एक हिंदी न्यूज वेबसाइट को बताया कि मंदिर प्रबंधन को ये देखना होगा कि इस ताले का प्रयोग कहां किया जाए।
दरअसल, अयोध्या में निर्माणाधीर श्रीराम मंदिर के लिए 400 किलो का यह ताला यहां के ताला कारीगर सत्यप्रकाश और उनकी पत्नी रुक्मिणी देवी ने मिलकर बनाया है। सत्यप्रकाश बताते हैं कि इस ताले को बनाने में उनकी सारी जमापूंजी लग गई है। ये ताला दुनिया का सबसे बड़ा हाथ से बना हुआ ताला बताया जा रहा है। सत्यप्रकाश शर्मा इस साल के अंत तक राम मंदिर प्रबंधन को ये ताला उपहार में देने की योजना बना रहे हैं।
सत्यप्रकाश शर्मा बताते हैं कि उनके पूर्वज एक सदी से भी अधिक समय से हस्तनिर्मित ताला बना रहे हैं.।वो खुद 45 सालों से अधिक समय से तालों को पीटने और चमकाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चार फीट की चाबी से खुलने वाला ये ताला उन्होंने राम मंदिर को ध्यान में रखते हुए बनाया है।
अलीगढ़ के ताला कारीगर सत्यप्रकाश शर्मा ने एक हिंदी न्यूज वेबसाइट को बताया कि पहले उन्होंने और उनकी पत्नी रुक्मिणी ने 6 फिट लंबा और 3 फिट चौड़ा ताला बनाया था। इसके बाद कुछ लोगों ने उन्हें बड़ा ताला बनाने की सलाह दी। सत्यप्रकाश ने बताया कि फिर हमने इसे बड़ा बनाने पर फोकस किया और इसमें करीब दो लाख रुपए की लागत आई। सत्यप्रकाश की पत्नी रुक्मिणी बताती हैं कि हमने राम मंदिर के लिए ऐसा ताला बनाने की सोची, जो बिल्कुल अलग हो। चूंकि हमारा शहर तालों के निर्माण के लिए जाना जाता है। इसलिए यह टास्क हमने लिया। हालांकि इससे पहले अलीगढ़ में इतना बड़ा ताला किसी ने नहीं बनाया। इसे बनाने के लिए हमने अपनी सारी जमापूंजी खर्च कर दी है।
सत्यप्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रुक्मिणी देवी बताती हैं कि यह ताला 10 फिट ऊंचा है। 9.5 इंच मोटे और 4.5 फिट चौड़े ताले की अभी सजावट पूरी नहीं हुई है। हम जल्दी से जल्दी इसे तैयार करने में लगे है। हालांकि अलीगढ़ में आयोजित की गई वार्षिक प्रदर्शनी में हमने इसे रखा था।
अब इसमें जो काम बचा है, उसे पूरा किया जा रहा है। हम नहीं चाहते कि इसमें कोई कमी रह जाए। यह ताला दिसंबर 2023 तक राम मंदिर प्रबंधन को सौंपने की योजना है। फिलहाल दोनों पति-पत्नी बड़ी तल्लीनता से इस ताले की सजावट में लगे हुए हैं।