अयोध्या में प्रभु श्रीराम के अपने भव्य गर्भगृह में पराधने में अब महज कुछ ही दिन शेष बचा है। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। हालांकि, प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 17 जनवरी से शुरु हो जाएगा। काशी के पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के नेतृत्व में 121 से अधिक वैदिक ब्राहम्णों की टीम पूजा करेंगी।
प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान से पहले 60 घंटे तक यज्ञ, हवन, चारों वेदों का पारायण और कर्मकांडों का वाचन होगा। 22 जनवरी को 56 भोग अर्पित कर रामलला की पहली आरती पीएम मोदी उतारेंगे।
राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 17 जनवरी को सुबह आठ बजे से शुरू होगा जोकि दोपहर 1 बजे तक चलेगी। इसके बाद दोपहर 3 बजे से लेकर रात के 9:30 बजे तक अनुष्ठान चलेगा। यानी करीब 10 से 12 घंटे रोजाना मंत्रोच्चार, हवन-पूजन होगा। यह क्रम 21 जनवरी तक जारी रहेगा। 22 जनवरी को रामलला अपने भव्य गर्भगृह में विराजमान होंगे।
इसके लिए मंदिर परिसर में कई मंडप व हवन कुंड बनाए जा रहे हैं। मंदिर के बाहर एक बड़ा मंडपम होगा। हर विधा के ब्राह्मणों के कई छोटे- छोटे मंडपम होंगे। मंडपम के बीच में 20 यज्ञ कुंड होंगे। मंडप के पूर्व में पंचांग पूजन के ब्राह्मण होंगे। इसके बाद वैदिक ब्राह्मण और बाकी के कर्मकांडी पंडित अनुष्ठान कराएंगे।
इसके लिए मंदिर परिसर में कई मंडप व हवन कुंड बनाए जा रहे हैं। मंदिर के बाहर एक बड़ा मंडपम होगा। हर विधा के ब्राह्मणों के कई छोटे- छोटे मंडपम होंगे। मंडपम के बीच में 20 यज्ञ कुंड होंगे। मंडप के पूर्व में पंचांग पूजन के ब्राह्मण होंगे। इसके बाद वैदिक ब्राह्मण और बाकी के कर्मकांडी पंडित अनुष्ठान कराएंगे।