नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा) संबंधी मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय में पेश हुए। संघीय एजेंसी ने वैभव को फेमा के प्रावधानों के तहत समन जारी कर उन्हें ए पी जे अब्दुल कलाम रोड पर स्थित ईडी के मुख्यालय में पेश होने को कहा था।
इस समन का संबंध राजस्थान स्थित आतिथ्य क्षेत्र से जुड़े समूह ‘ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’, ‘वर्धा एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड’ और इसके निदेशकों एवं प्रमोटर शिव शंकर शर्मा, रतन कांत शर्मा और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हाल में मारे गए छापों से है।
एजेंसी ने अगस्त में तीन दिनों तक जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में समूह और उसके प्रमोटर से जुड़े परिसरों पर छापे मारे थे। वैभव गहलोत के साथ रतन कांत शर्मा के कथित संबंध प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में हैं। वैभव से फेमा के तहत पूछताछ किए जाने और उनका बयान दर्ज किए जाने की संभावना है। रतन कांत शर्मा कार किराये पर देने वाली एक कंपनी में वैभव गहलोत के कारोबारी साझेदार हैं। अशोक गहलोत और कांग्रेस ने प्रवर्तन निदेशालय के इस कदम को राजनीति से प्रेरित बताया है।