‘दिल्ली सेवा बिल’ पर आम आदमी पार्टी के सारे दावे धरे के धरे रह गए। उसे राज्यसभा में हार का मुंह देखना पड़ा। कांग्रेस, NCP, SP समेत I.N.D.I.A गठबंधन का हिस्सा बने दलों का समर्थन हासिल करने के बाद भी उसे जोरदार झटका लगा है। इस हार के बीच अब आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का नाम भी एक विवाद में जुड़ गया है। दरअसल उन्होंने बिल को पेश किए जाने के बाद उसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव सदन में रखा था। उनका प्रस्ताव तो गिर ही गया। इसके साथ ही उन्होंने जिस सेलेक्ट कमेटी का प्रस्ताव रखा था, उसमें शामिल 5 सांसदों ने उन पर आरोप लगाया है कि उनकी सहमति के बिना ही उनके नाम लिख दिए गए।

राघव के इस काम से गृहमंत्री अमित शाह राज्यसभा में मतदान के दौरान ही भड़क गए और कहा कि यह तो दिल्ली की बात ही नहीं है। अब तो सदन में भी आप के नेता फर्जीवाड़ा करने लगे हैं। इसके बाद राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण ने मामला विशेषाधिकार समिति के सामने जांच के लिए भेज दिया। इस संबंध में पूछे जाने पर राघव चड्ढा ने कहा कि यदि उन्हें विशेषाधिकार समिति नोटिस भेजती है तो वह जवाब देंगे।

चड्ढा का बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव ध्वनि मत से गिर गया था। सेलेक्ट कमेटी में बिना मंजूरी के ही नाम शामिल किए जाने का आरोप जिन सांसदों ने लगाया है, उनके नाम एस. फैंगॉन्ग कोन्याक, नरहरि अमीन, सुधांशु त्रिवेदी, सस्मित पात्रा और एम. थंबीदुरई हैं।

राघव चड्ढा के खिलाफ सदन के अंदर फर्जीवाड़ा करने के आरोप में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव आया है इससे उनकी सांसदी भी खतरे में पड़ सकती है। आप पार्टी के लिए अभी बुरा वक्त चल रहा है, पहले तो सदन में उनका कोई उपाय नहीं चल पाया और अब चड्ढा के खिलाफ की गई शिकायत को विशेषाधिकार समिति के पास भेजा गया है। समिति शिकायत की जांच करेगी। अगर तथ्य सही पाए गए और राघव चड्ढा 5 अन्य सांसदों के नाम गलत तरीके से इस्तेमाल करने के दोषी पाए गए तो उनकी सांसदी को रद्द करने की सिफारिश विशेषाधिकार समिति कर सकती है।

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