ग्रीन एनर्जी के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार किसानों को सोलर पंप लगाने पर अनुदान दे रही है। इस योजना के तहत किसान को सोलर पंप लगवाने के लिए केवल 23,900 रुपए खर्च करने होंगे, जबकि शेष 2,15,100 रुपए का अनुदान सरकार से मिलेगा। अनुसूचित जनजाति के किसानों को इस योजना में पूरी तरह से अनुदान मिलेगा।

PM कुसुम योजना के तहत सोलर पंप लगाने के लिए सरकार दे रही अनुदान
पीएम कुसुम सी-1 योजना के तहत यूपी नेडा द्वारा संचालित इस योजना में किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। योजना में चार श्रेणियों में अनुदान का प्रावधान किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी, जग प्रवेश के अनुसार, 3 एचपी पंप के लिए 4.5 केवी के सोलर प्लांट पर केंद्र सरकार से 71,700 रुपये और राज्य सरकार से 1,43,400 रुपये, कुल 2,15,100 रुपये का अनुदान मिलेगा। इसके लिए किसान को केवल 23,900 रुपये ही खर्च करने होंगे।

अनुदान के विभिन्न विकल्प
अगर किसान 5 एचपी का पंप लगवाते हैं, तो 7.5 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट के लिए केंद्र से 1,17,975 रुपये और राज्य से 2,35,925 रुपये, कुल 3,53,925 रुपये का अनुदान मिलेगा। इस स्थिति में किसान को 39,235 रुपये देने होंगे। वहीं, 7.5 एचपी पंप के लिए 11.200 किलोवाट सोलर पावर प्लांट पर किसान को 54,800 रुपये खर्च करने होंगे, जबकि सरकार से 4,93,200 रुपये का अनुदान मिलेगा। 10 एचपी पंप के लिए 14.9 केवी सोलर प्लांट पर भी 4,93,200 रुपये का अनुदान मिलेगा, और किसान को 2,26,750 रुपये खर्च करने होंगे। नलकूप पर बिजली कनेक्शन और मीटर लगा होने पर ग्राम विकास अधिकारी, लेखपाल, और विद्युत विभाग के अवर अभियंता से प्रमाणित कराने के बाद किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
मुरादाबाद में सरकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए जिला अधिकारी अनुज कुमार सिंह ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। उन्होंने प्रत्येक ब्लॉक के प्रधानों और सचिवों को बुलाकर सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई कि वह अपने-अपने गांवों में जाकर लोगों को इन योजनाओं के बारे में बताएं और उन्हें इसका लाभ दिलवाएं।बुधवार को विकास भवन सभागार में मुरादाबाद ब्लॉक के प्रधानों के लिए एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें सीडीओ सुमित यादव की अध्यक्षता में अधिकारियों ने अपनी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। इस कार्यशाला का उद्देश्य ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों के क्रियान्वयन में सहायता प्रदान करना था, ताकि अधिक से अधिक लोग सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकें।

 

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