लोकसभा चुनाव 2024 में इस बार ‘400 पार’ के नारे के साथ मैदान में उतर रही भाजपा ने उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटें जीतने के लिए मेगा प्लान तैयार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा दिग्गजों की रैली-सभाओं के अलावा पार्टी ने एक-एक बूथ पर पहुंच बनाने के लिए खास रणनीति तैयार की है।
पीएम मोदी ने 31 मार्च को मेरठ से विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए अपने चुनावी अभियान का आगाज कर दिया था। इसी के साथ भाजपा ने भी अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया। ऐसे में जानिए बीजेपी के ‘मिशन 80’ का पूरा प्लान?
2014 में 80 सीटों में से 71 सीटें अकेले बीजेपी ने अपने नाम की थी। इसके बाद 2019 में एनडीए ने कुल 64 सीटें जीतीं, हालांकि बाद में यह आंकड़ा 66 पहुंच गया, क्योंकि दो सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने आजमगढ़ और रामपुर सीट पर भी कब्जा जमा लिया था।
ऐसे में एक बार फिर इतिहास दोहराने के लिए भाजपा ने अपनी तैयारियों को धरातल पर उतारना शुरू कर दिया है। पार्टी ने एक-एक वोटर्स तक पहुंच बनाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है, जिसके तहत यूपी में करीब एक लाख नुक्कड़ सभाएं की जाएंगी। इसके अलावा पार्टी के 15 हजार से ज्यादा नेताओं की फौज ग्राउंड पर उतरकर प्रचार-प्रसार करेगी।
इसी के साथ पार्टी ने कैराना से अपनी नुक्कड़ सभाओं का आगाज भी कर दिया है, इन सभाओं में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे। साथ ही प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी मौजूद रहेंगे। नुक्कड़ सभाओं के जरिए भाजपा ने सरकार की योजनाओं के लाभार्थी मतदाताओं को साधने के लिए गांव-गांव तक पहुंचा जाएगा।
इसी के साथ नुक्कड़ सभाओं में नेताओं को क्या बोलना है? इसकी भी पूरी रणनीति तैयार कर ली गई है। इसी के साथ सोशल मीडिया वालंटियर्स मिलाकर करीब बीजेपी के 15 हजार नेताओं की फौज छोटे-छोटे ग्रुप्स में बंटकर जनता से सीधा संवाद करेगी।
पार्टी अपने आक्रामक चुनाव प्रचार के जरिए बीजेपी ने अपने सांसद, विधायक, मेयर, नगरपालिका चेयरमैन से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को मैदान में उतार दिया है।
इसके अलावा डिजिटल चुनाव प्रचार पर भी पार्टी का पूरा फोकस है। आठ लाख व्हाट्सएप ग्रुप एक्टिव किए गए हैं, जिसमें कुल 2 करोड़ यूजर जुड़े हुए हैं। इतना ही नहीं यूपी में व्हाट्सएप से टाइअप करके एक सिस्टम डेवलप किया गया है, जिसकी इलाके के अनुसार मॉनिटरिंग की जाएगी। एक एरिया में कितने ग्रुप, एडमिन से लेकर प्रचार समाग्री सब पर पैनी नजर रहेगी।