मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने अवैध संबंधों के शक में की गई युवक की हत्या के मामले में सुनवाई की। जिसमें हत्यारोपी एक महिला सहित तीन लोगों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष त्यागी ने बताया कि खतौली थाना क्षेत्र के जमुना बिहार निवासी धर्मवीर सिंह का पुत्र पवित्र कुमार 26 फरवरी 2012 को अपने घर से प्लाट में सोने के लिए गया था। उन्होंने बताया कि रात के समय पवित्र कुमार गायब हो गया था। इस मामले में पवित्र कुमार के पिता धर्मवीर सिंह ने 3 मार्च को अपहरण करने के आरोप में खतौली के यमुना विहार निवासी महिला विमला उसका पुत्र भोलू, राजवीर और उसके मौसी के लड़के थाना दौराला के गांव चिरोड़ी निवासी धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। 9 मार्च 2012 को पवित्र का शव गंग नहर से बरामद हुआ था। पवित्र के पिता धर्मवीर सिंह ने आरोप लगाया था कि उसके बेटे की हत्या अवैध संबंध के शक में की गई।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष त्यागी ने बताया कि धर्मवीर ने कोर्ट में गवाही दी थी कि आरोपी विमला को शक था कि उसकी बेटी से पवित्र का प्रेम प्रसंग चल रहा है। इसकी शिकायत भी लड़की के परिजनों ने उससे काफी पहले की थी। जिसके बाद उन्होंने अपने बेटे को बाहर भेज दिया था। 6 महीने पहले उनका बेटा पवित्र लौटकर आया तो आरोपियों ने उसका अपहरण कर हत्या कर दी। बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 1 जय सिंह पुंडीर के न्यायालय में हुई। कोर्ट ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद आरोपी विमला, राजवीर और धर्मेंद्र को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई। सभी दोषियों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।

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