दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मंगलवार को बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग, अंडमान सागर के दक्षिणी भाग, निकोबार द्वीप समूह और अंडमान सागर के उत्तरी भाग के कुछ क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने यह जानकारी दी। मौसम विभाग ने कहा कि पिछले दो दिनों में निकोबार द्वीपसमूह में मध्यम से भारी वर्षा हुई।

इस अवधि में बंगाल की खाड़ी के दक्षिण, निकोबार द्वीप समूह और अंडमान सागर के ऊपर पछुआ हवाओं के प्रभाव में वृद्धि हुई है। समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर हवा की गति 20 समुद्री मील से अधिक हो गई है और कुछ क्षेत्रों में यह 4.5 किलोमीटर तक बढ़ गई है।

आईएमडी ने बताया कि ‘आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन’ (ओएलआर) भी इस क्षेत्र में कम हुआ है जो बादल छाए रहने का सूचक है।

ओएलआर पृथ्वी से अंतरिक्ष में निकलने वाली विकिरण ऊर्जा का एक माप है, विशेष रूप से लंबी तरंग दैर्ध्य (जैसे कि इंफ्रारेड) पर। यह पृथ्वी की सतह और वायुमंडल द्वारा उत्सर्जित होती है। इसे उत्सर्जित स्थलीय विकिरण भी कहा जाता है।

मौसम विभाग ने कहा कि ये स्थितियां इस क्षेत्र में मानसून के आगमन के लिए मानदंड को पूरा करती हैं।

मौसम विभाग ने कहा कि अगले तीन से चार दिनों में दक्षिण अरब सागर, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र के अधिकतर भाग, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के अधिकतर क्षेत्रों, संपूर्ण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अंडमान सागर के शेष भागों और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights