पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र स्थायी है, लेकिन कुर्सी नहीं। कुर्सी का सम्मान करें। आप मुस्लिम विधायकों को बाहर निकालने के बारे में कैसे सोच सकते हैं। वे (बीजेपी) मुसलमानों को निशाना बना रहे हैं क्योंकि यह रोज़ा का महीना है, और उन्हें यह पसंद नहीं है। उन्होंने कहा कि वे सांप्रदायिक बयान देकर देश का ध्यान आर्थिक और व्यापार पतन से भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं एक हिंदू हूं, और मुझे बीजेपी से प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है।
दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में हिंदू मंदिरों पर हमलों के खिलाफ भाजपा ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पश्चिम बंगाल के नेता सुवेन्दु अधिकारी ने कहा कि पिछले 4-5 दिनों से बरुईपुर, बशीरहाट में हिंदू मंदिरों और मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है। एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने दावा किया कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय क्रिकेट टीम की जीत का जश्न मना रहे लोगों पर हमला किया गया। इसके खिलाफ भाजपा विधायक ने विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लाया, लेकिन उन्हें बोलने तक नहीं दिया गया।
विपक्ष के नेता ने दावा किया कि यह गैरकानूनी है और पश्चिम बंगाल की जनता की आवाज को दबाने की कोशिश है, जिसके खिलाफ हम प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि मांग यह है कि भेदभाव बंद किया जाना चाहिए। वोट बैंक और मुसलमानों के तुष्टीकरण के लिए हिंदुओं को किनारे किया जा रहा है। हमारे मुख्य सचेतक डॉ. शंकर घोष ने हमारे मुद्दे उठाए और हमेशा की तरह उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी गई। हम इस निरंकुशता को बर्दाश्त नहीं करेंगे।