आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा ने ‘फर्जी हस्ताक्षर’ के विवादों पर गुरुवार (10 अगस्त) को चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उनको लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेताओं ने झूठ फैलाया है कि फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं।
सांसद राघव चड्ढा ने भाजपा नेताओं को चुनौती देते हुए ये भी कहा कि वह चाहे तो ‘फर्जी हस्ताक्षर’ वाला कागज दिखा सकते हैं। 07 अगस्त को राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पारित होने के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाय था कि सांसद राघव चड्ढा ने पांच राज्यसभा सांसदों के ‘फर्जी हस्ताक्षर’ वाले दस्तावेज पेश किए थे।
राघव चड्ढा ने कहा, ”नियम पुस्तिका में कहा गया है कि कोई भी सांसद किसी भी समिति के गठन के लिए नाम प्रस्तावित कर सकता है और जिसका नाम प्रस्तावित किया गया है उसके न तो हस्ताक्षर की आवश्यकता है और न ही लिखित सहमति की। लेकिन झूठ फैलाया गया कि फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं।”
राघव चड्ढा ने कहा, ”मैं मीडिया से अनुरोध करता हूं कि वे सच्चाई दिखाएं। मीडिया का एक छोटा वर्ग मेरे खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा था और मुझे उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करानी होगी। मुझे उन सांसदों के खिलाफ भी कोर्ट और विशेषाधिकार समिति में शिकायत दर्ज करानी होगी जिन्होंने दावा किया था कि फर्जी हस्ताक्षर थे।”
राज्यसभा के बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन, पी कोन्याक, बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा और एआईडीएमके सांसद थम्बी दुरई का का आरोप है कि उनकी सहमति के बिना आप सांसद राघव चड्ढा ने दिल्ली एनसीटी संशोधन विधेयक को सेलेक्ट समिति को भेजने के लिए प्रस्ताव में उनके नाम का उल्लेख किया है।
आप सांसद राघव चड्ढा द्वारा भाजपा पर आरोप लगाए जाने पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, ”उनकी योजना सदन को बाधित करने की है ताकि सदन का विधायी कामकाज नहीं हो सके। भाजपा न तो ऐसा चाहती है और न ही इसमें उसकी कोई भूमिका है।”