ईडी ने मंगलवार को कहा कि उसने पीएनबी में 13000 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी मामले में फरार व्यवसायी मेहुल चोकसी की जब्त की गई 2500 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की बहाली शुरू कर दी है।
वित्तीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, उसने मुंबई स्थित एक विशेष धनशोधन निवारण अधिनियम अदालत के आदेश के बाद इस मामले में जब्त संपत्तियों को उनके असली मालिकों को लौटाने की प्रक्रिया शुरू की है।
ईडी ने कहा, अदालती आदेश के अनुपालन में संपत्तियों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और 125 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां गीतांजलि जेम्स लिमिटेड (चोकसी की एक कंपनी) के परिसमापक को सौंप दी गई है।
ईडी ने कहा, सौंपी गई संपत्तियों में पूर्वी मुंबई के सांताक्रूज में स्थित खेनी टावर में छह फ्लैट और सांताक्रूज इलेक्ट्रॉनिक एक्सपोर्ट प्रोसेंिसग ज़ोन में स्थित दो कारखाने/गोदाम शामिल हैं।
ईडी ने हीरा व्यवसायी चोकसी के खिलाफ इस पीएमएलए मामले में 2,565.90 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क या जब्त की थीं। अदालत ने इन सभी संपत्तियों के ‘मौद्रीकरण’ की अनुमति दी है।
एजेंसी ने कहा, उसने बहाली प्रक्रिया शुरू करने के लिए ‘सक्रिय कदम’ उठाए और प्रभावित बैंकों के साथ मिलकर एक आम रुख अपनाने पर सहमति जताई और अदालत का रुख किया।
अदालत ने 10 सितम्बर को आदेश दिया था कि प्रवर्तन निदेशालय गीतांजलि समूह की कंपनियों के परिसमापकों को कुर्क या जब्त की गई संपत्तियों के मूल्यांकन और नीलामी में बैंकों के साथ काम करेगा।
नीलामी से मिलने वाली राशि को पीएनबी और आईसीआईसीआई बैंक (प्रभावित ऋणदाता) में सावधि जमा के रूप में रखने को भी कहा गया। चोकसी बैंक धोखाधड़ी का मामला 2018 में उजागर होने के बाद से ही भारत छोड़कर एंटीगुआ में रह रहा है।