प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने एक्स पर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा, ” मेरे मित्र, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले से मैं बहुत चिंतित हूँ। इस घटना की कड़ी निंदा करता हूँ। राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।”
इसके साथ ही पीएम ने हमले में मारे गए या घायल हुए लोगों के प्रति संवेदनाएं भी व्यक्त की। उन्होंने आगे लिखा, ” हमारी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ मृतकों के परिवार, घायलों और अमेरिकी लोगों के साथ हैं।”
बता दें, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक चुनावी रैली में गोली मारी गई। अगले ही दिन रिपब्लिकन पार्टी औपचारिक रूप से उन्हें व्हाइट हाउस के लिए अपना उम्मीदवार घोषित करने वाली थी। उससे ठीक एक दिन पहले उन पर हत्या का प्रयास किया गया।
गोली लगने के बाद ट्रंप ने अपने चेहरे के दाहिने हिस्से को टच किया और फिर जमीन पर गिर पड़े।
सीक्रेट सर्विस के एजेंटों ने उन्हें बचाने के लिए खुद को उन पर झोंक दिया। जब वे उठे, तो एजेंट उन्हें अंदर ले गए।
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल पोस्ट में कहा, “मुझे एक गोली लगी जो मेरे दाहिने कान के ऊपरी हिस्से में लगी।”
“मुझे तुरंत पता चल गया कि कुछ गड़बड़ है। मैंने एक तेज़ आवाज़ सुनी, और फिर गोली चली। मैंने तुरंत महसूस किया कि गोली मेरी स्किन को चीरती हुई निकल रही है। बहुत ज़्यादा खून बह रहा था, फिर मुझे एहसास हुआ कि क्या हो रहा है।”
सीक्रेट सर्विस ने एक बयान में कहा: “13 जुलाई की शाम को लगभग 6:15 बजे, पेंसिलवेनिया के बटलर में पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की रैली के दौरान एक संदिग्ध शूटर ने रैली स्थल के बाहर एक ऊंचे स्थान से मंच की ओर कई गोलियां चलाईं। यूएस सीक्रेट सर्विस के कर्मियों ने शूटर को मार गिराया, जो अब मर चुका है। यूएस सीक्रेट सर्विस ने तुरंत सुरक्षा के उपाय किए और पूर्व राष्ट्रपति सुरक्षित हैं और उनकी जांच की जा रही है। एक व्यक्ति की मौत हो गई, और दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की अभी जांच चल रही है और सीक्रेट सर्विस ने औपचारिक रूप से संघीय जांच ब्यूरो को सूचित कर दिया है।”
वहीं, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस हमले के बाद राष्ट्र के नाम एक संदेश में कहा, “मैं जल्द ही उनसे बात करने की कोशिश करूंगा। अमेरिका में इस तरह की हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। यह बहुत ही भयानक है। रैली बिना किसी समस्या के शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित की जानी चाहिए थी।”