मेरठ के चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में कॉपी मूल्यांकन घोटाले के बाद अब परिवारवाद का नया खेल सामने आया है। जहां मौसा, मौसी ने अपनी भतीजी को एमबीए गोल्ड मेडलिस्ट बनाने के लिए एक मेधावी छात्रा का हक मार दिया। मेधावी छात्रा को कम अंक देकर अपनी भांजी को ज्यादा नंबर दिए और एमबीए का गोल्ड मेडलिस्ट बना दिया है। पीड़ित छात्रा ने इसकी शिकायत विवि प्रशासन के अलावा राजभवन में कर दी। तो राजभवन ने पूरे मामले का संज्ञान लिया है। अब राज्यपाल ने पूरे मामले पर विवि से जांच रिपोर्ट तलब की है। वहीं विवि ने शिकायत के बाद अब दोनों छात्राओं की कॉपी को सीसीएसयू से बाहरी विवि के शिक्षकों से चैक करवाना शुरू किया है।
सीसीएसयू में भी परिवारवाद, कहें तो भाई भतीजावाद का नया खेल उजागर हुआ है। यहां प्रोफेसर कपल ने यह कारनामा किया है। दरअसल यहां बिजनेस स्टडीज की असिस्टेंट प्रोफेसर ने अपने प्रोफेसर पति के साथ मिलकर फिसड्डी छात्रा को एमबीए का गोल्ड मेडलिस्ट बना दिया। यूपी की राज्यपाल के आदेश पर इस मामले में जांच शुरू हुई है।
सीसीएसयू के इस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस स्टडीज की छात्रा कंचन भारद्वाज ने राजभवन में शिकायत की थी। कंचन का आरोप है कि वो एमबीए की टॉपर थी लेकिन टीचर ने उससे चिढ़न में फाइनल सेमेस्टर कम नंबर दिए। कंचन से ज्यादा नंबर टीचर ने उसकी कक्षा में पढ़ने वाली कमजोर शताक्षी को दे दिये। कंचन का आरोप है कि इस्टीट्यूट की असिस्टेंट प्रोफेसर स्वाती शर्मा ने यूनीवर्सिटी का एक्जाम सिक्योरिटी कोड तोड़कर यह साजिश रची और अपनी भांजी को टॉपर बना दिया। नंबर ज्यादा होते ही कमजोर छात्रा शताक्षी अब गोल्ड मेडल की दावेदार भी बन गई है।
छात्रा कंचन की शिकायत के बाद अब राजभवन से मामले की जांच रिपोर्ट मांगी गई। जब मामले की जांच की गयी तो रिश्तेदार छात्रा को गोल्डमैडलिस्ट बनाने की कहानी सामने आयी है। जिसमें पता चला कि जिस छात्रा शताक्षी के नंबर बढ़ाए गए हैं डॉ0 स्वाती शर्मा बिजनेस स्टडीज में एसोसिएट प्रोफेसर उसकी मौसी हैं। शताक्षी के मौसा त्रिलोचन शर्मा भी दो साल पहले तक इसी विभाग में पढाते थे। इन दिनों बरेली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं।
मौसी ने बेटी को गोल्डमैडल दिलाने की साजिश में विश्वविद्यालय का सिक्योरिटी कोड तोड़ा और अपने पति त्रिलोचन शर्मा से 4 विषयों की कापियां चैक कराई है। कंचन के नंबर काटकर अपनी भतीजी शताक्षी को जी-भरकर नंबर दिए हैं। हर एक विषय का पूर्णाक 70 है जिसमें 60 से 64 नंबर तक दिये गये है। बाकी दो विषयों में शताक्षी के नंबर औसत हैं। जिन विषयों में नंबर कम हैं वो दो विषय किसी अन्य शिक्षक ने जांचे हैं।
इस पूरे मामले पर सीसीएसयू के रजिस्ट्रार धीरेंद्र वर्मा का कहना है कि पीड़ित छात्रा ने नंबर कम देने का आरोप लगाया है, उसने राजभवन में भी शिकायत की है। राजभवन से रिपोर्ट मांगी गई है हम जांच करा रहे हैं, वहीं दोनों छात्राओं की कॉपियों को सीसीएसयू से बाहर विवि के प्रोफेसरों को जांचने दिया गया है।