मेरठ। फर्म के नाम से संपत्ति खरीदने के लिए खरीदे गए 36 लाख 76 हजार 400 रुपये के स्टांप की डुप्लीकेट कॉपी बनाकर कूट रचित कागजों के आधार पर ट्रेजरी से रिफंड लेने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस अब ऐसा करने वाले नटवरलाल तक पहुंचने के लिए पंजाब एंड सिंध बैंक में खुलवाए गए खाते के आधार पर क्लू तलाश करने में जुट गई है। इस संबंध में डीआईजी स्टांप ज्ञानेन्द्र कुमार की ओर से यह अभियोग एसएसपी के आदेश पर थाना सिविल लाइन्स में दर्ज किया गया है। जिसमें अवगत कराया गया कि उनके कार्यालय में एक नवंबर 2023 को एक प्रार्थना पत्र मैसर्स श्री कृष्णा लैंडमार्क इंडिया प्रा.लि. की ओर से पवन कुमार अग्रवाल के नाम से प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया।
जिसमें 36 लाख 76 हजार 400 रुपये के ई स्टांप प्रमाण पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा गया कि उन्होंने कंपनी से यह ई स्टांप बैनामा कराने के लिए खरीदे थे। लेकिन सौदा कैसिंल हो गया। कंपनी की ओर से रिफंड की मांग की गई। जिसके लिए सभी औपचारिकता पूरी कराते हुए 10 प्रतिशत की कटौती करते हुए 20 नवंबर को ई स्टांप पत्र सत्यापित होने के आधार पर रिफंड की राशि पंजाब एंड सिंध बैंक में खोले गए खाते में कर दी गई। इस फर्जीवाड़े का पता तब चला, जब तीन सिंतबर 2022 में स्टांप खरीदने वाली कंपनी कृष्णा लैंडमार्क की ओर से 23 अप्रैल 2024 में स्टांप का प्रयोग करने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया।
तब यह बात सामने आई कि स्टांप फीडिंग ‘सर्टिफिकेट हेज आलरेडी बिन कैंसिल्ड’ दर्शाई जा रही है, जबकि उक्त मूल ई-स्टाम्प क्रेता के पास ही है। किसी प्रकार का कोई रिफंड या रजिस्ट्री नहीं हुई है। प्रकरण में डीआईजी स्टांप के स्तर से जांच की गई जिसका सारांश यही निकला कि किसी व्यक्ति ने संदिग्ध व कूटरचना करते हुए अनुचित लाभ पाने के उद्देश्य से फर्जी स्टांप कम्प्यूटर के जरिये जैनरेट किया गया है। इस मामले में प्रथम दृष्टया बैंक की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत होती है। बैंक से सम्पर्क करने पर ज्ञात हुआ कि उक्त बैंक खाता नया खोला गया है।