मेरठ में चल रहे रैपिडएक्स के कॉरिडोर कंस्ट्रक्शन की साइट पर सोमवार सुबह सुबह बड़ा हादसा होते बचा। साइट पर काम करते वक्त अचानक पिलर का लेंटर गिर गया। लेंटर गिरने से 8 मजदूर बुरी तरह घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 2 मजदूरों को काफी गंभीर चोटें आई हैं। हादसा सुबह 3 बजे हुआ है। सभी घायलों को KMC हॉस्पिटल बागपत रोड थाना क्षेत्र टीपीनगर में भर्ती कराया गया हैं।
शताब्दीनगर की साइट पर एलअँडटी कंपनी स्लैब डालने के कार्य के लिए रात 12 बजे से कांक्रीट डालने का काम चल रहा था। आज सुबह लगभग 3 बजे, उसका टेम्पररी सपोर्ट स्ट्रक्चर नीचे आ गया। इससे काम में लगे 8 लोगों में से 2 मजदूरों को चोटे आईं और उन्हे तत्काल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। गनीमत रही कि हादसे के वक्त आम जनता नहीं थी इससे यह टेम्पररी सपोर्ट स्ट्रक्चर सेफ्टी बैरीकेडेड एरिया के अंदर गिरा। सेफ्टी बैरीकेडेड एरिया के बाहर किसी को चोट नहीं आई।
गिरे हुए टेम्पररी सपोर्ट स्ट्रक्चर और मटेरियल को हटाने के कार्य आरंभ कर दिया गया है। दिल्ली से मेरठ और मेरठ से दिल्ली जाने का रास्ता भी खुला हुआ है। ट्रैफिक सामान्य चल रहा है। वहीं घटना की जांच के लिए तीन अधिकारियों की समिति बनाई गयी है।
घायल हिमाचल और बिहार, उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के रहने वाले मजदूर हैं। इसमें धीरज पुत्र दुर्गा दल निवासी राजगढ़ मंडी हिमाचल प्रदेश, सुरजीत कुमार पुत्र उमेश पासवान निवासी भोजपुर बिहार, राम इकबाल पुत्र बालकरण निवासी बहराइच उद्धव जिला देवरिया उत्तर प्रदेश, धर्मेंद्र पुत्र नर्मदा यादव निवासी बहराइच, चंदन कुमार पुत्र सुरेश शाह निवासी भोजपुर बिहार, भोला पुत्र जयवीर पासवान निवासी भोजपुर बिहार(गंभीर रूप से घायल है वेंटीलेटर पर है), सोनू कुमार पुत्र श्याम बिहारी निवासी गाजीपुर, विद्यासागर पुत्र विनोद पासवान निवासी भोजपुर बिहार का रहने वाला है। भोला की हालत क्रिटिकल है।
शाप्रिक्स मॉल चौराहे के पास 2.40 बजे रैपिड रेल का निर्माणाधीन स्लैब गिर गया। मजदूरों की किसी तरह बाहर निकाला। सूचना के लगभग आधे घंटे बाद पहुंची एंबुलेंस ने घायलों को केएमसी अस्पताल पहुंचाया। दरअसल रात के समय शताब्दीनगर स्टेशन की खातिर स्लैब बनाने का काम चल रहा था। दो पिलर के बीच स्लैब कास्ट करने से पहले लोहे के ढांचे को मजदूर बांध रहे थे। क्रेन ढांचे के ऊपर सरिया पहुंचा रही थी तभी ऊपरी हिस्से से लोहे का स्ट्रक्चर उलझ गया और पूरा स्लैब गिर गया। रात के सन्नाटे में तेज आवाज के साथ स्लैब के गिरते ही चीख-पुकार मच गई। इस दौरान काम कर रहे आठ मजदूर 35 फीट की ऊंचाई से लोहे के फ्रेम के साथ गिर गए। मजदूर पूरी तरह से मिट्टी में सने पड़े थे। सूचना पर तीन बजे पुलिस की फैंटम पहुंची और फिर उसके बाद लगभग सवा तीन बजे एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल भेजा गया।
मुख्य बात यह कि हादसे से कोई जनहानि नहीं है लेकिन शहर का व्यस्ततम चौराहा है, बावजूद इसके नीचे रास्ता रोके बगैर काम किया जा रहा था। बता दें कि इससे पहले भी परतापुर इंटरचेंज के पास एक एंगल गिर गया था। उसके बाद भी इस तरह की घटना रैपिड रेल के काम पर सवालिया निशान खड़ी करती है।