मेरठ स्थित मेडिकल कॉलेज में बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल छह साल के बच्चे की अंगुलियां कट जाने पर मेडिकल की इमरजेंसी में उपचार के लिए आए तीमारदारों पर सोमवार रात रेजीडेंट डॉक्टरों ने लात-घूंसे बरसा दिए। आरोप है कि तीमारदारों को कमरे में बंधक बनाकर पीटा गया। वहीं बीच-बचाव में आईं महिलाओं के साथ भी मारपीट की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वहीं, जानकारी मिलने पर अस्पताल प्रशासन ने तीन को सस्पेंड करते हुए जांच के लिए तीन सदस्यों की टीम का गठन किया। एसपी सिटी पीयूष कुमार का कहना है कि वीडियो के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
परीक्षितगढ़ निवासी अंकित के छह साल के बेटे डब्बू के एक हाथ की अंगुलियां चारा काटने वाली मशीन में आ गईं। अंकित कमालपुर निवासी अपने रिश्तेदार दीपक के साथ डब्बू को लेकर सोमवार रात करीब दस बजे मेडिकल इमरजेंसी पहुंचे। बच्चे के हाथ से खून ज्यादा बह रहा था। उन्होंने इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों से जल्द उपचार शुरू करने को कहा। आरोप है कि इस पर जूनियर डॉक्टर भड़क गए और बच्चे के साथ आए तीमारदार दीपक, देवेंद्र को जमकर पीटा। देवेंद्र की पत्नी मंजू और दीपक की मां राजवती समेत अन्य महिलाएं पहुंचीं तो डॉक्टरों ने सभी को कमरे में बंद कर पीटा। मौके पर पहुंची मेडिकल पुलिस ने सभी घायलों को जिला अस्पताल भेजा। दीपक ने जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ मेडिकल थाने में तहरीर दी।
मेडिकल इमरजेंसी में बच्चे के तीमारदारों से मारपीट और घटना का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया। मेडिकल थाने में मौजूद करीब साठ वर्षीय बुजुर्ग महिला राजवती ने बताया कि डाक्टरों ने उनके साथ जमकर मारपीट की। बुजुर्ग महिला का भी ख्याल नहीं किया। उनके साथ भी मारपीट हुई। वहीं दीपक का कहना है कि उनके साथ एक गर्भवती महिला भी थी। आरोप है कि जूनियर डॉक्टरों ने उनके पेट पर लातें बरसाईं। उसे गंभीर हालत में निजी अस्पताल में भर्ती कराया है।
मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डा. आरसी गुप्ता का कहना है कि छानबीन में सामने आया है कि अटेंडेंट बच्चे के हाथ में लगी पट्टी खोल रही थी। बच्चे के परिजन जख्म के फोटो खींचने लगे। अटेंडेट ने फोटो खींचने से मना किया तो इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई। फिर मारपीट हो गई।
मेडिकल कॉलेज के प्रेस प्रवक्ता डॉ. वीडी पांडे का कहना है कि प्रधानाचार्य डा. आरसी गुप्ता ने रेजीडेंट डॉक्टर आदित्य यादव, अभिषेक वर्मा, अब्दुल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। जांच के लिए डा. ज्ञानेश्वर टांक के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। तीन दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।