मेरठ में आगामी 30 जून को सफाई मजदूर संघ का चुनाव होगा। जिसमें जिले के करीब 5 हजार सफाई कर्मचारी अपने मतदान का उपयोग करेंगे। इसमें नगर निगम में काम कर रहे आउटसोर्सिग के करीब 2500 सफाई कर्मचारी भी शामिल होंगे। सफाई मजदूर संघ चुनाव के बारे में जानकारी देते हुए सफाई कर्मचारी संघ के नेता विनेश मनोठिया ने बताया कि सफाई मजदूरों का जमकर शोषण किया जा रहा हे। किन्हीं कारणों से वर्ष 2009 के बाद से मेरठ में सफाई मजदूर संघों के चुनाव नहीं हुए थे। लेकिन अब 30 जून 2023 में सफाई मजदूर संघ का चुनाव होगा। जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सफाई मजदूरों के अन्य पदों के लिए मतदान होगा।
उन्होंने कहा कि सफाई मजदूर संघ के इस चुनाव में आउटसोर्सिग वाले कर्मचारी भी चुनाव लड़ सकते हैं। विपिन मनोठिया ने कहा कि सरकार ने हर जिले में अलग.अलग दरें सफाई कर्मचारियों की निर्धारित की है। सफाई मजदूर कर्मचारी संघ का चुनाव होने के बाद हम सभी अपनी मांगों को एक मंच से उठाएंगे।
बता दें मेरठ में सफाई मजदूर संघों के कई गुट बने हुए हैं। सफाई मजदूर संघों के इन गुटों पर भाजपा और सपा अपना-अपना दावा ठोकती रही हैं।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद सफाई मजदूरों को काफी आशा जगी थी। लेकिन 2017 के बाद से जिस तरह से सफाई मजदूरों के साथ हर शहर में अलग-अलग मजदूरी की दरें निर्धारित कर उनका शोषण शुरू हुआ है। उससे सफाई मजदूर संघों में काफी निराशा और आक्रोश है।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद सफाई मजदूरों को काफी आशा जगी थी। लेकिन 2017 के बाद से जिस तरह से सफाई मजदूरों के साथ हर शहर में अलग-अलग मजदूरी की दरें निर्धारित कर उनका शोषण शुरू हुआ है। उससे सफाई मजदूर संघों में काफी निराशा और आक्रोश है।
सफाई मजदूर संघों को भी अब पता चल गया है कि अलग-‘अलग राह चलने पर उनका हक मिलने वाला नहीं है। लिहाजा अब सफाई मजदूर संघों ने एक एक बैनर के नीचे आने का फैसला किया है। विनेश मनोठिया ने कहा कि युवा सफाई कर्मचारी आज भाजपा की सरकार में बससे अधिक प्रताड़ित है। अगर सफाई कर्मचारी ंसंघ खड़ा हुआ तो उसकी मांगों को एक मंच से उठाया जाएगा। इसीलिए ही अब सफाई कर्मचारी संघ का चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है।