मेरठ में मर्यादित वस्त्र पहनकर मंदिर में प्रवेश करने की अपील करते हुए वेस्ट एंड रोड़ स्थित श्री बालाजी और शनि मंदिर के बाहर बोर्ड लगा दिए गए। भारत में सनातनी धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। लेकिन वेस्टर्न कल्चर ने माहौल बिगाड़ दिया है। सभी मंदिरों को भी सनातनी धर्म का निर्वहन करना होगा। देहरादून के टपकेश्वर मंदिर में सर्वप्रथम बोर्ड लगा था, जो अब पूरे देश में लगेगा।
वेस्ट एंड रोड स्थित श्री बालाजी व शनि धाम मंदिर के बाहर महामंडलेश्वर की ओर से बोर्ड लगाए गए हैं। इसमें मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि कृपया मर्यादित वस्त्र पहनकर ही मंदिर में प्रवेश करें। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अखाड़ा के महामंडलेश्वर श्री श्री 108 महेंद्र दास महाराज ने बताया कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी से उनकी इस संबंध में वार्ता हुई थी।
उन्होंने दक्ष मंदिर हरिद्वार, टपकेश्वर देहरादून व नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश में अखाड़े की ओर से निर्णय के बाद बोर्ड लगा दिए गए थे। रविंद्र पुरी जी के आह्वान पर महेंद्र दास महाराज ने इसकी शुरुआत मेरठ में सबसे पहले की। अभी शहर का पहला मंदिर है, जिस पर मर्यादित वस्त्र पहन कर आने के लिए निवेदन किया गया है।
महामंडलेश्वर का कहना है कि भारत में सनातन धर्म मानने वाले लोग रहते हैं। लेकिन वेस्टर्न कल्चर ने माहौल बिगाड़ दिया है। महिला व पुरुष एवं मर्यादित वस्त्र पहनते प्रवेश करने लगे थे, जो बेहद अशोभनीय है। हम भारतीयों को अपनी मर्यादा में रहकर भक्ति भाव से पूजा-पाठ करनी चाहिए। इसमें पुरुषों को पेंट, कमीज और धोती कुर्ता व महिलाएं भारतीय परिधान में प्रवेश करें।
मंदिर में प्रवेश करने वाले भक्तों से महामंडलेश्वर व उनके अनुयायी मर्यादित वस्त्र पहन कर आने की अपील करेंगे। यदि भूले भटके कोई पहन कर आ जाता है तो उसे समझा कर भेज दिया जाएगा। महामंडलेश्वर का कहना है कि मर्यादित वस्त्र पहन कर आना नई परंपरा नहीं, बल्कि मंदिर के नियमों में भी जिक्र है।