उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक स्कूल में एक मुस्लिम बच्चे को थप्पड़ मारने का उसके सहपाठियों को अध्यापिका द्वारा कथित तौर पर निर्देश देने की घटना के बाद इन छात्रों की काउंसलिंग के लिए एजेंसी नियुक्त करने के उसके आदेश का पालन नहीं करने को लेकर शुक्रवार को राज्य सरकार की आलोचना की। स्कूल की अध्यापिका ने गृह कार्य नहीं करने के चलते एक मुस्लिम बच्चे को उसके सहपाठियों को कक्षा में थप्पड़ मारने का कथित तौर पर निर्देश दिया था। अध्यापिका पर यह भी आरोप है कि उसने पीड़ित बच्चे के खिलाफ साम्प्रदायिक टिप्पणी की थी। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार ने उसके आदेश का पालन बिल्कुल भी नहीं किया।

पीठ ने न्यायालय की किसी कड़ी कार्रवाई से बचने के लिए राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को अगली सुनवाई के दौरान डिजिटल माध्यम से उपस्थित होने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस), मुंबई को पीड़ित छात्र और घटना में शामिल उसके सहपाठियों की काउंसलिंग के तौर-तरीके सुझाने के लिए नियुक्त किया। पीठ ने कहा, ‘‘पक्षकारों के वकीलों को सुनने के बाद, हमारा मानना है कि उत्तर प्रदेश सरकार, और खासकर शिक्षा विभाग ने समय-समय पर इस न्यायालय द्वारा जारी विभिन्न आदेशों का पालन नहीं किया। पीड़ित बच्चे और घटना में शामिल अन्य बच्चों की कोई उपयुक्त काउंसलिंग नहीं की गई।” पीठ ने कहा, ‘‘बच्चों को काउंसलिंग मुहैया कराने के लिए दाखिल किये गए हलफनामों से राज्य सरकार का जो रुख जाहिर होता है, वह स्तब्ध करने वाला है। इसलिए हम टीआईएसएस, मुंबई को उक्त बच्चे और अन्य बच्चों की काउंसलिंग करने के तौर-तरीके सुझाने के लिए नियुक्त करते हैं।

टीआईएसएस राज्य में मौजूद बाल विशेषज्ञ परामर्शदाताओं के नाम भी सुझाएगा, जो टीआईएसएस की देखरेख में काउंसलिंग कर सकते हैं।” शीर्ष न्यायालय ने उप्र सरकार को टीआईएसएस की पूरी सहायता करने का निर्देश दिया, और उसे सुनवाई की अगली तारीख 11 दिसंबर से पहले एक रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया। पीठ ने कहा, ‘‘हम शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को न्यायालय की किसी कठोर कार्रवाई से बचने के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश देते हैं। हमें उम्मीद है कि वह व्यक्तिगत रूप से मामले पर गौर करेंगे और देखेंगे कि निर्देशों का पालन हो।”

मुजफ्फरनगर पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में अध्यापिका के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था। स्कूल को राज्य के शिक्षा विभाग ने भी एक नोटिस भेजा था। घटना का एक वीडियो अगस्त में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें अध्यापिका को छात्रों को कक्षा-2 के एक विद्यार्थी को थप्पड़ मारने के लिए कथित तौर पर कहते देखा गया था। यह घटना जिले के खुब्बापुर गांव में स्थित स्कूल की है। शीर्ष न्यायालय छह नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़ित बच्चे का दाखिला एक निजी स्कूल में कराने में सहायता करने को कहा था। न्यायालय महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिन्होंने मामले की त्वरित जांच की मांग की थी।

 

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