भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान सोमवार को दावा किया कि उनकी “वाई-कैटेगरी सिक्योरिटी” (Y-Category Security) सुरक्षा को UP पुलिस ने रविवार को अचानक वापस ले लिया, जिससे उनकी जान को खतरा है। संजीव बालियान यूपी की मुजफ्फरनगर सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं। बता दें कि 2024 लोकसभा चुनाव में संजीव बालियान को हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान की सुरक्षा पुलिस ने हटा ली है। बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ ये एक्शन तब लिया गया जब उन्होंने UP की कार्यशैली पर सवाल उठाए। संजीव बालियान ने इस बीच सीएम योगी को अपनी सुरक्षा के लिए एक पत्र लिखा है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे लेटर में संजीव बालियान ने लिखा, “आपको मालूम है कि हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान मुझ पर हमला हुआ था। अगर भविष्य में ऐसा कोई हमला होता है तो इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। अगर पुलिस एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ ऐसा व्यवहार कर रही है तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) के आम कार्यकर्ताओं की क्या हालत होगी ?” बता दें कि संजीव बालियान की गिनती UP के बड़े जाट नेताओं में की जाती है।
संजीव बालियान ने मीडिया को बताया, “मैं रविवार को दिल्ली में एक पार्टी के कार्यक्रम में था। मेरे सुरक्षाकर्मी को शाम करीब 4.30 बजे मुजफ्फरनगर पुलिस से वापस लौटने के लिए कॉल आया। सुरक्षाकर्मी मुझे तुरंत छोड़ कर चले गए। अब मेरे साथ UP पुलिस का कोई सुरक्षाकर्मी नहीं है। पहले मेरे पास ‘Y’ सुरक्षा थी, लेकिन अब मेरे पास केवल दिल्ली पुलिस का PSO है।” बालियान ने बताया कि उनके घर पर तैनात सुरक्षाकर्मी, उनके साथ मौजूद पुलिस एस्कॉर्ट और चार सुरक्षाकर्मी सभी वापस चले गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बताया, “सुरक्षाकर्मियों ने मुझसे कहा कि पुलिस लाइन से हमें वापस बुलाया जा रहा है, हम लोग जा रहे हैं और इसके बाद वे तुरंत चले गए।”
A letter written by Sanjeev Baliyan to UP Chief Minister Yogi Adityanath
संजीव बालियान की ओर से UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा गया पत्र

मुजफ्फरनगर के SSP अभिषेक सिंह ने कहा कि संजीव बालियान को नियमों के अनुसार सुरक्षा प्रदान की जा रही है। उन्हें वह सुरक्षा लेवल मिल रहा है जिसके वे हकदार हैं। मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में बालियान ने कहा कि मंसूरपुर डिस्टिलरी के कर्मचारियों ने मुजफ्फरनगर के खानूपुर गांव में एक धर्मशाला की जमीन खरीदी है। उन्होंने कहा कि वह जमीन सौदे के खिलाफ धरने पर बैठे ग्रामीणों में शामिल हैं और आरोप लगाया कि पुलिस इकाई को जमीन पर कब्जा दिलाने में मदद करने की कोशिश कर रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मुजफ्फरनगर के पुलिस अधिकारी इसलिए नाराज हैं क्योंकि मैं जमीन सौदे के खिलाफ ग्रामीणों के समर्थन में धरने पर बैठा था। मेरी सुरक्षा वापस लेने के पीछे यही मुख्य कारण है।”

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