उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच एक बार फिर से जुबानी जंग छिड़ते हुए दिखाई दे रही है. अखिलेश यादव ने मौर्य को सरकारी सर्वेंट कहकर बुलाया तो अब डिप्टी सीएम ने उनके बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि आप मुझे भले ही गाली दें लेकिन आपके अपमान और तुष्टिकरण का जवाब प्रदेश की जनता देगी.
केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए एक्स पर लिखा- ‘सपा अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी, आप मुझे गाली दें या अपमान करें, लेकिन मैं आपके लिए हमेशा आदरसूचक शब्दों का ही उपयोग करूंगा. परंतु याद रखें, आपके अपमान और तुष्टिकरण की राजनीति का जवाब यूपी की जनता देगी.
पिछड़े वर्ग और गरीब आपकी साइकिल पंचर कर सपा को ‘समाप्तवादी पार्टी’ बना देंगे! सच्चाई यह है कि आपको कभी भी कोई मजबूत पिछड़ा नेता सहन नहीं होता. आपका PDA (परिवार डबलपमेंट एजेंसी) केवल धोखेबाजी है. अगर आप वास्तव में छत्रपति शिवाजी महाराज के समर्थक होते, तो औरंगज़ेब का महिमामंडन करने वाला विधायक अबू आज़मी अब तक सपा से बाहर होता!’
अखिलेश यादव ने क्या कहा था?
दरअसल ये मामला उस वक्त शुरू हुआ जब अखिलेश यादव ने महोबा में एक विवाह समारोह के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए केशव प्रसाद मौर्य पर तंज कसा था. सपा नेता ने कहा- ‘उन्होंने (केशव प्रसाद मौर्य) क्या सपना देखा था और क्या हासिल हुआ. अब वो गवर्मेंट सर्वेंट बनकर रह गए है. इस दौरान उन्होंने पीडीए की एकता का भी दावा किया और कहा कि बीजेपी अब तक की सबसे बुरी हार हारेगी. लोकसभा में हार से ये जान नहीं पा रहे कि कैसे हार गए. पीडीए के एकजुट होने की वजह से ये 80-20 करने लगे हैं.
वहीं औरंगज़ेब को लेकर छिड़े विवाद पर अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी का शिवाजी महाराज से कोई संबंध नहीं है. शिवाजी महाराज हमारे पूजनीय है. हमारे परिवार के हैं. बीजेपी के परिवार से उनका कोई संबंध नहीं है.