मुजफ्फरनगर। भारतीय जनता पार्टी में चेयरमैन व सभासदों के टिकट वितरण  के दौरान हुई खींचतान व गुटबाजी का असर अभी तक भी देखने को मिल रहा है। चेयरमैन के चुनाव में 26 दावेदारों ने टिकट मांगे थे , जिसमें एक गुट कपिल देव समर्थक था, तो दूसरा डा. संजीव बालियान का समर्थक था, लेकिन आखिर में बाजी डा. संजीव बालियान ने ही मारी और उनके खेमे के गौरव स्वरूप को ही टिकट मिला।

यही हाल सभासदों के टिकट वितरण में रहा, लेकिन जैसे भी हो चेयरमैन व सभासद के प्रत्याशियों को सिम्बल मिलने के बाद आज भाजपा प्रत्याशी के चुनाव कार्यालय  के उदघाटन कार्यक्रम में भी एक दूसरे के प्रति तल्खी देखने को मिली। मुजफ्फरनगर नगर पालिका चुनाव में भाजपा प्रत्याशी श्रीमती मीनाक्षी स्वरूप पत्नी गौरव स्वरूप का मुख्य चुनाव कार्यालय महावीर चौक पर खुला, जिसमें केन्द्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान, यूपी सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल व पूर्व विधायक उमेश मलिक के बीच मंच से भाषण के दौरान एक-दूसरे पर किये गये कटाक्ष नगर में चर्चा का विषय बन गये।

केन्द्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान ने अपने भाषण के दौरान कहा कि शहर में पिछले दस सालों में कोई विकास कार्य नहीं हुआ, उनका इशारा विपक्षी पार्टी के चेयरमैन रहे पंकज अग्रवाल व उसके बाद कांग्रेस के सिम्बल पर जीती और बाद में बीजेपी में शामिल हो गयी अंजू अग्रवाल की ओर था। लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा लगातार जारी रही कि कपिल देव ने अंजू अग्रवाल को बीजेपी में आने के बाद भी काम नहीं करने दिया और बार-बार अडचन खडी की, जबकि डा. संजीव बालियान ने किसी भी स्तर से अंजू अग्रवाल का कोई विरोध नहीं किया।

आज भी संजीव बालियान के भाषण में यह बात महसूस हुई कि वह कपिल देव द्वारा अंजू अग्रवाल के विरोध करने के मामले से खुश नहीं थे। मंच से ही पूर्व विधायक उमेश मलिक ने भी मंत्री कपिल देव पर खूब टीका-टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कपिल ने पिछले पांच साल अंजू को कोई काम नहीं करने दिया और शहर का विकास ठप्प करा दिया।  कार्यक्रम में मौजूद भाजपा नेता व कार्यकर्ता पहले तो इसे मजाक समझते रहे, लेकिन  कुछ देर बाद समझ में आया कि मामला गंभीर है और उमेश मलिक के अंदर ऐसी कोई भडास है, जिसे वे आज सार्वजनिक मंच से निकालना चाह रहे है।

उमेश मलिक के कटाक्ष के दौरान अपनी आदत के अनुसार कपिल देव पहले तो मंद-मंद मुस्कुराते रहे। मंत्री कपिल देव ने भी अपनी बारी आने पर उमेश मलिक के कटाक्ष का खूब जवाब दिया। कपिल देव बोले कि चलो हमने तो शहर में विकास कार्य नही कराये और न ही होने दिये,  जिसका नुकसान भले ही खतौली चुनाव हमें हारने के रूप में मिला हो, लेकिन आपकी विधानसभा क्षेत्र में दो नगर पंचायतें बुढाना व शाहपुर थी और आपने काम भी खूब कराये, लेकिन एक बात बताओं कि विधानसभा चुनाव आप कैसे हार गये, जबकि मैं लगातार तीन बार से चुनाव जीतता आ रहा हूं, यदि मैं विकास कार्य न कराता और शहर के विकास में अडचन खडी करता, तो चुनाव कैसे जीत पाता ?

कार्यक्रम में सार्वजनिक मंच से भाजपा के तीनों वरिष्ठ नेताओं की इस प्रकार की भाषणबाजी को शुरू में तो वहां मौजूद नेताओं व कार्यकर्ताओं ने हल्के में लिया, लेकिन जैसे ही देखा कि एक-दूसरे पर निजी हमले हो रहे है, तो सभी समझ गये कि खाई कितनी गहरी हो चुकी है।

सार्वजनिक मंच से इस प्रकार की टीका-टिप्पणी करना तीनों ही नेताओं के लिये ठीक नहीं है, इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है और इसका खामियाजा पार्टी को उठाना पडता है। चैयरमैनी का चुनाव इस बार भाजपा के लिये नाक का सवाल बना हुआ है, आपसी गुटबाजी के चलते ही 2012 व 2017 में नगरपालिका चुनाव बीजेपी हार चुकी है। कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर खूब चर्चा रही कि दोनों ही पिछले चुनाव में कपिल देव ने पार्टी प्रत्याशियों का विरोध कराया।

2012 के चुनाव में कपिल देव ने टिकट न मिलने पर खुलेआम संजय अग्रवाल का विरोध किया और चुनाव में नुकसान कराया। 2017 के चुनाव में भी कपिल देव ने वर्तमान में भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला के साथ मिलकर पार्टी प्रत्याशी सुधाराज शर्मा का खुलेआम विरोध कराया और शिवचौक पर पुतले तक जलवा दिये थे। सुधा राज शर्मा के पति अरविन्द राज शर्मा की इस मुद्दे को लेकर कपिल से गर्मागर्मी भी हुई थी।

आज पार्टी कार्यालय पर हुए घटनाक्रम को लेकर भी कार्यकर्ताओं में खासी चर्चा है।  पार्टी कार्यकर्ता कह रहे थे कि कपिल देव किसी भी कीमत पर गौरव को जीतने नहीं देना चाहते है , यदि गौरव चुनाव जीतते है तो एक बड़े वैश्य परिवार में बीजेपी की राजनीति सक्रियता से शुरू हो जाएगी और कपिल देव के खुद के लिए आगे की राजनीति कठिन हो जाएगी।

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