मुजफ्फरनगर में सीबीआई ने पासपोर्ट बनवाने के नाम पर 5000 की रिश्वत लेते 2 कर्मचारियों को दबोचा। दोनों कर्मचारी को दबोच कर सीबीआई अपने साथ गाजियाबाद ले गई। उन्हें कोर्ट में पेश किया। जहां से कोर्ट के आदेश पर दोनों को 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया। दबोचे गए दोनों लोगों में एक स्थानीय पासपोर्ट एक्सटेंशन डेस्क का सरकारी कर्मचारी है। जबकि दूसरा एक प्राइवेट व्यक्ति है।
मुजफ्फरनगर शिव चौक डाकघर पर पासपोर्ट ऑफिस गाजियाबाद की ओर से एक्सटेंशन डेस्क की स्थापना की गई है। जहां पर प्रतिनियुक्ति पर स्थानीय डाक विभाग कर्मी अंकुश कुमार और एक निजी व्यक्ति फरहान काम कर रहे हैं। जिन के मामले में पासपोर्ट के लिए आवेदन करने वालों से रिश्वत मांगने की शिकायत अधिकारियों को मिल रही थी।
थाना क्षेत्र भोपा के गांव मिरजाटिल्ला निवासी अभिषेक कुमार ने 1 मई 2023 को पासपोर्ट बनवाने के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया था। अभिषेक को 19 जून का अपॉइंटमेंट मिला था। लेकिन अभिषेक का पासपोर्ट इशू नहीं हो रहा था। अभिषेक का आरोप है कि उसने मुजफ्फरनगर डाकघर में संचालित पासपोर्ट एक्सटेंशन डेस्क पर कार्यरत कर्मी अंकुश से बात की, तो 5000 रुपया की रिश्वत मांगी गई। साथ ही बताया गया कि यदि 5000 नहीं देंगे, तो उनकी फाइल अटकी रहेगी। जिसकी शिकायत अभिषेक ने सीबीआई एंटी करप्शन ब्यूरो गाजियाबाद शाखा से की थी। अभिषेक ने बताया कि 5 जुलाई को सीबीआई ने डाकघर में संचालित पासपोर्ट एक्सटेंशन डेस्क कर्मी अंकुश और उसके साथी फरहान को 5000 रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।
पासपोर्ट एक्सटेंशन डेस्क से 5000 की रिश्वत लेते दबोचे गए अंकुश की कुंडली सीबीआई खंगाल रही है। सूत्रों की माने तो शिकायतकर्ता के अलावा काफी लोगों से पासपोर्ट जारी कराने के नाम पर रुपए उगाही के सबूत सामने आए हैं। सीबीआई ने सभी पहलुओं पर जांच शुरू कर दी है।