मुजफ्फरनगर के सिसौली में किसान मसीहा स्वर्गीय चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत के 88वें जन्म दिवस पर उनके बड़े पुत्र और भाकियू सुप्रीमो नरेश टिकैत ने अपनी उस पीड़ा को भी मंच से सभी के सामने रखा, जिसके कारण उनको करीब 20 साल तक हत्या के मुकदमे में घर और परिवार पर आये संकट के लिए संघर्ष करना पड़ा। किसान नेता की 88 वीं जयंती पर केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान सहित विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक हस्तियों ने सिसौली किसान भवन पहुंचकर किसान मसीहा को श्रद्धांजलि दी।

किसान भवन पर आयोजित सभा मे भाकियू अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत ने जगबीर सिंह हत्याकांड को लेकर अपना दर्द बयां किया। जब वह मंच से इस मामले को उठा रहे थे तो कुछ लोगों ने उनको टोकते हुए खामोश रहने के लिए कहा, इस पर भाकियू नरेश पूरी तरह से भड़क गये और माइक फैंक कर मंच से जाने लगे। उनको बामुश्किल रोका गया, जिसके बाद उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जगबीर का कत्ल उन्होंने नहीं किया था, वह एक साजिश थी, जो हो गया सो बीत गया, लेकिन यदि अब किसी ने अंगुली उठाई तो उसकी अंगुली काट दी जायेगी। किसान मसीहा की जयंती में पहुंचे केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान ने श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में कार्य करने वाला ऐसा व्यक्ति विरला ही पैदा होता है।

किसान भवन सिसौली में शुक्रवार को आयोजित हुए महेन्द्र सिंह टिकैत की 88वीं जन्म जयंती के अवसर पर सरकार से कुछ मांग भी उठाई गई। यहां कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए भाकियू नेता नवीन राठी ने देश का राष्ट्रगान ही बदलने की मांग उठा दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रगान देश के बंटवारे से पहले स्वीकृत किया गया था। तभी से यह लागू है।

इसमें एक पंक्ति में पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा है। नवीन राठी ने कहा कि इसमें सिंध बंटवारे के बाद पाकिस्तान में चला गया है। ऐसे में इस पंक्ति को बदला जाये, इसमें उन्होंने सिंध की जगह सिसौली नाम जोड़ने के साथ ही महेन्द्र सिंह टिकैत को भारत रत्न और उनकी जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की है।

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