उत्तर प्रदेश सरकार की “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना” राज्य के गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों के विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक योजना है। इस योजना के तहत, सरकार प्रत्येक जोड़े के विवाह पर कुल 51000 रुपये का खर्च करती है, जिसमें वधू को 35000 रुपये की नकद राशि और 10000 रुपये की जरूरत की सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।

मामा के साथ सगी भांजी का कराया फर्जी निकाह

मुरादाबाद में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ लेने के लिए मामा पर पीड़ित युवती ने ही सगी भांजी पर फर्जी निकाह करने के आरोप लगाए हैं। उसे जानकारी नहीं थी कि आरोपी इतना बड़ा फर्जीवाड़ा करायेगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम के तहत बिलारी तहसील के रामरतन इंटर कॉलेज में 200 जोड़े का विवाह संपन्न हुआ था।

फर्जी निकाह में 2700 रुपए भी वसूले

युवती की मां के मुताबिक, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में उसे बताए बिना उसकी बेटी के नाम का रजिस्ट्रेशन करवा दिया। इस निकाह में 2700 रुपए भी वसूल लिए। इसके साथ ही सामूहिक विवाह कार्यक्रम में मिली नक़द राशि में से 17 हज़ार रुपए हड़प लिए। इस फर्जीवाड़े में कही न कहीं जांच करने वाले सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं।

रसीद लेते हुए फोटो वायरल

सोशल मीडिया पर युवती की अपने सगे मामा आदिल के साथ मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में भाजपा के पदाधिकारियों से निकाह की रसीद लेते हुए फ़ोटो वायरल हो रही है। वहीं, एक अन्य वीडियो में मां बता रही हैं कि कैसे उनकी बेटी की फर्जी रूप से शादी कराई गई है।

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