मुख्तार अंसारी और शहाबुद्दीन गैंग का शूटर और कुख्यात अपराधी पंकज यादव आज पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गया।
पंकज यादव का नाम मन्ना सिंह हत्याकांड से भी जुड़ा था। पंकज यादव पर एक लाख का इनाम घोषित था।
हत्या,लूट और गैंगस्टर सहित पंकज यादव पर कुल 36 मुकदमे दर्ज थे।
आपको बता दें कि मुखबिर द्वारा प्राप्त सूचना पर पुलिस और एसटीएफ को सूचना मिली थी कि पंकज आगरा की तरफ जा रहा है। पुलिस और एसटीएफ की टीम ने तुरंत घेराबंदी शुरू की। आज सुबह तड़के मथुरा जिले के फरहा थानाक्षेत्र के सुरा गांव के समीप एनएच 19 पर पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। मुठभेड़ में पंकज यादव को कमर और सीने पर तीन गोलियां लगीं । पुलिस द्वारा उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मऊ जिले के रानीपुर थानांतर्गत ताहिरापुर गांव का निवासी पंकज यादव एक शातिर अपराधी था। 2010 में मन्ना सिंह हत्याकांड के गवाह सतीश सिंह और राम सिंह मौर्य की हत्या में पंकज आरोपी था। उसी समय से वो फरार चल रहा था।
आपको बता दे कि मऊ जिले में 29 अगस्त 2009 को ए श्रेणी के ठेकेदार मन्ना सिंह की हत्या बदमाशों ने कर दी थी।इस हत्याकांड में कुल 16 गवाह थे। इन गवाहों की एक एक करके हत्या की जा रही थी। उनकी जान को खतरा देख कर उन्हे सुरक्षा के लिए पुलिस कर्मी दिए गए थे। 19 मार्च 2010 को इनमे से एक गवाह राम सिंह मौर्य और उनके सुरक्षाकर्मी सतीश सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में पंकज यादव आरोपी था।
आपको बता दे कि मऊ जिले में 29 अगस्त 2009 को ए श्रेणी के ठेकेदार मन्ना सिंह की हत्या बदमाशों ने कर दी थी।इस हत्याकांड में कुल 16 गवाह थे। इन गवाहों की एक एक करके हत्या की जा रही थी। उनकी जान को खतरा देख कर उन्हे सुरक्षा के लिए पुलिस कर्मी दिए गए थे। 19 मार्च 2010 को इनमे से एक गवाह राम सिंह मौर्य और उनके सुरक्षाकर्मी सतीश सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में पंकज यादव आरोपी था।