सपा और भाजपा ने अपने-अपने लोकसभा प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। बसपा ब्राह्मण, ठाकुर और मुस्लिम में से किसी एक पर दांव लगाने की तैयारी में है। इनमें जिले में पहले भी राजनीति कर चुके बाहरी ब्राह्मण नेता की चर्चा खासी तेज है। बसपा यदि दमदार मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में लाती है, तो सपा का खेल बिगड़ सकता है।
बसपा का मानना है कि ब्राह्मण प्रत्याशी अन्य जातियों के बड़े वोटबैंक को अपने पाले में लाने में सक्षम है। लिहाजा गैर जनपद से आकर जिले में बसपा की राजनीति कर चुके एक ब्राह्मण नेता को मैदान में लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा संगठन की एक टीम मुस्लिम समाज में मजबूत पकड़ रखने वाले नेता के संपर्क में है।
बसपा का मानना है कि यदि ब्राह्मण प्रत्याशी मैदान में आता है, तो एक तीर से दो निशाने होंगे। पार्टी का कैडर वोट के साथ सपा से असंतुष्ट मुस्लिम बिना किसी प्रयास के मिल जाएगा। यही नहीं भाजपा के बड़े वोट बैंक को भी उनके पाले में आने से नहीं रोका जा सकेगा। इससे लोकसभा की लड़ाई रोमांचक हो जाएगी। एक न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के ही एक जिम्मेदार नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पार्टी 20 मार्च से पहले प्रत्याशी की घोषणा कर देगी।
बसपा का मानना है कि यदि ब्राह्मण प्रत्याशी मैदान में आता है, तो एक तीर से दो निशाने होंगे। पार्टी का कैडर वोट के साथ सपा से असंतुष्ट मुस्लिम बिना किसी प्रयास के मिल जाएगा। यही नहीं भाजपा के बड़े वोट बैंक को भी उनके पाले में आने से नहीं रोका जा सकेगा। इससे लोकसभा की लड़ाई रोमांचक हो जाएगी। एक न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के ही एक जिम्मेदार नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पार्टी 20 मार्च से पहले प्रत्याशी की घोषणा कर देगी।