लखनऊः उत्तर प्रदेश में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के मामले में हर रोज नया खुलासा हो रहा है। अब मिली जानकारी के मुताबिक, यह पता चला है कि अतीक की हत्या करने वाले शूटरों में शामिल लवलेश तिवारी अतीक अहमद से पहले भी मिल चुका है। क्योंकि वो अतीक की गैंग में शामिल होना चाहता था। गैंग में शामिल होने के लिए लवलेश अतीक के दफ्तर तक पहुंच गया था, लेकिन वहां उसे भाव नहीं मिला था। इसके बाद उसने खुद अतीक और अशरफ की हत्या कर डॉन की श्रेणी में अपना नाम शामिल कर लिया।
मिली जानकारी के मुताबिक, अतीक अहमद और अशरफ को गोली मारने वालों में से एक लवलेश तिवारी ने बताया है कि वह अतीक से मिलने के लिए प्रयागराज के चकिया इलाके में बने उसके दफ्तर में गया था। हालांकि, उसने इसका समय नहीं बताया है क्योंकि अतीक अहमद कई सालों से जेल में था। लवलेश के मुताबिक, वह चकिया दफ्तर में जाकर अतीक अहमद से मिला था और वहां का माहौल देखकर वह प्रभावित हो गया था। जिसके चलते वो अतीक की गैंग में शामिल होना चाहता था।
बता दें कि, प्रयागराज के माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी। प्रयागराज में मेडिकल के लिए ले जाते समय गोली मारकर इस हत्या को अंजाम दिया गया है। दोनों के हाथों में हथकड़ी लगी हुई थी। तीन हमलावरों ने अतीक के सिर में गोली मारी और अशरफ के भी सिर में गोली लगी। हमलावरों ने कई राउंड फायरिंग की। गोली मारने के बाद तीनों हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हमलावर के गले में आईडी कार्ड लटका हुआ था। हमलावर कथित तौर पर मीडिया रिपोर्टर के रूप में आए थे और हमलावरों ने धार्मिक नारे लगाए। हमलावरों के नाम लवलेश तिवारी, सन्नी और अरुण मौर्य बताए जा रहे हैं।
इसके बाद शहर के क्योटरा निवासी यज्ञ कुमार जो कि लवलेश तिवारी के पिता है, उन्होंने बताया था कि जेल जाने के बाद काफी बिगड़ गया था। उसकी हरकतों को लेकर हमने उसका ध्यान देना छोड़ दिया था। हमने टीवी पर घटना देखी। हमें लवलेश की हरकतों की जानकारी नहीं है और न ही हमें कुछ करना है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह कभी भी यहां नहीं रहता था और न ही वह हमारे पारिवारिक मामलों में शामिल था। उसने हमें कुछ नहीं बताया। वह 5-6 दिन पहले यहां आया था। हमारी उससे सालों से बात नहीं हुई है। पहले से ही एक मामला है उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। उस मामले में वह जेल भी जा चुका है।यज्ञ तिवारी ने कहा कि वह काम नहीं करता। वह ड्रग एडिक्ट था। हमारे चार बच्चे हैं। हमें इस बारे में कुछ नहीं कहना है।